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बहुराजमऊ में जंगली जानवर की दस्तक

अचलगंज, संवादसूत्र : जनपद में बाघ की उपस्थिति को लेकर दहशत व अफवाहो का दौर जारी है। मंगलवार सुबह ब

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 01:08 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 01:08 AM (IST)

अचलगंज, संवादसूत्र : जनपद में बाघ की उपस्थिति को लेकर दहशत व अफवाहो का दौर जारी है। मंगलवार

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सुबह बहुराजमऊ बघिया गांव के मध्य मिले पदचिह्न व कई स्थानों पर खुन पडा होने से ग्रामीणों में बाघ आने की अफवाह ने हड़कंप मचा दिया। मौके पर जुटी भीड़ कयास लगाने लगे कि बाघ ने ही वनरोज का शिकार किया है। सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। उसने शुरुआती जांच में ही पद बाघ के न होकर लकड़बग्घा के होना बताया। मौके पर मिले खून के निशान वनरोज का होना बताया। इस सब के बाद भी ग्रामीण भयभीत हैं।

बहुराजमऊ निवासी अजय बाजपेई ने सुबह खेत जाने के दौरान बहुराजमऊ से बघिया जाने वाले मार्ग पर रास्ते में कई स्थानों पर खून व खेत में जानवर के पैरों के निशान बघिया निवासी विनोद ¨सह के खेत में मिले। इसकी सूचना ग्राम प्रधान राम बहादुर ¨सह को दी। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। प्रधान की सूचना पर वन रेंजर केपी वर्मा, रवीन्द्र ¨सह भी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर मिले पदचिह्नों का परीक्षण किया और कहा कि जो निशान मिले वह बाघ के पद चिन्ह नहीं है। वन कर्मियों का मानना था कि वनरोज का शिकार दौड़ाकर किया गया है। करीब दो किलो मीटर तक खुन के निशान मिले है। कई जगहों पर मिले निशान लकड़बग्घा से मिलते जुलते है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि लकड़बग्घा वनरोज का शिकार नहीं कर सकता है। तो इसे मारा किसने। बाघ की जनपद में उपस्थिति को लेकर पूरे जिले में दहशत है। वही हर छोटी बड़ी घटना को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।


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