हे छठ मइया सुन ला अरजिया हमार..
शुक्लागंज, संवाद सहयोगी : छठ पूजा के दूसरे दिन भी गंगाघाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिये मह
शुक्लागंज, संवाद सहयोगी : छठ पूजा के दूसरे दिन भी गंगाघाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिये महिलाओं का जमघट लगा रहा। उगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने छठ माई को विदाई दी। महिलाएं तड़के सुबह से ही हाथों में पूजा की थाली लेकर गंगा नदी में खड़ी होकर सूर्य देवता के आगमन का इंतजार करती रहीं और उनके निकलने के बाद अर्घ्य देकर पुत्रों की लंबी आयु का आशीर्वाद मांगा।
गुरुवार को छठ पूजा के दूसरे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने की रीति के दौरान महिलाएं अपने परिवारीजनों के साथ गंगातटों पर पहुंची। धूम धड़ाके के बीच महिलाओं ने आसमान में सूर्य के लालिमा छठा बिखेरते ही पूजा अर्चना शुरू कर दी, जिसमें उनके पुत्रों व पुत्र समान देवरों ने भागीदारी निर्वाह की। सुबह से श्रद्धालुओं ने नंगे पांव तटों की ओर रुख किया। मान्यता के अनुसार महिलाओं ने 48 घंटे का निर्जला व्रत रख पानी में खड़े हो उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद महिलाओं ने एक दूसरे की मांग भरी। नये सूप में फल, मिठाइयां, पूजन सामग्री आदि लेकर महिलाओं ने पूर्व दिशा की ओर मुंह कर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इस बीच महिलाओं के साथ आए “च्चों ने जमकर आतिशबाजी की और उत्साह मनाया। नगर पालिका की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लाइट से लेकर नावों व उनमें तैनात गोताखोरों तक की व्यवस्था की गई थी।
मछुआरों ने तीन को डूबने से बचाया
गुरुवार को गंगा किनारे उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंची दो महिलाएं गंगा में डूबने से बाल बाल बच गईं। साथ में रहा एक महिला का पुत्र मां को बचाने गंगा में कूद गया। जबकि, तैरना न जानने के कारण वह खुद भी डूबने लगा। इस बीच रेती पर मौजूद मछुआरों ने उनको डूबता देख गंगा में छलांग लगा दी। जानकारी अनुसार कानपुर मालरोड निवासी लक्ष्मी पत्नी रमेश, सरिता पत्नी परमेश्वर अपने पुत्र राहुल के साथ घाट पर पहुंचे। भीड़ अधिक होने के कारण सभी लोग नाव पर बैठ कर रेती की ओर चले गए। यहां उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान दोनों महिलाएं गहराई में चली गईं और डूबने लगी। मां को डूबता देख पुत्र ने गंगा में छलांग लगा बचाने का प्रयास किया। हालांकि, पास में मौजूद मछुआरों ने गंगा में छलांग लगा कर तीनों को सकुशल बाहर निकाल लिया।