साहब जाने तब चेती पुलिस
उन्नाव जागरण संवाददाता: अजगैन थाना क्षेत्र के गांव नयाखेड़ा में लगभग 45 वर्षीय महिला पर रात दबंगों का कहर टूटा। लेकिन थाना पुलिस अपने पुराने रवैये पर कायम रही। पुलिस ने उपचार से लेकर कार्रवाई करना उचित नहीं समझा।
पुलिस की संवेदनहीनता का एक और उदाहरण यह रहा कि रात हुई इस घटना में अंजू की हालत अति गंभीर होने और महिला चिकित्सक से मेडिकल परीक्षण की कार्रवाई शेष रह जाने की जानकारी होने के बाद भी अजगैन थाने से दोपहर तक कोई जिला अस्पताल झांकने नहीं पहुंचा। जबकि पीड़ित का पति व अन्य परिजन इसकी बराबर पुलिस को सूचना देकर मेडिकल कराए जाने की मांग कर रहे थे। दोपहर मामला मीडिया में आने के बाद इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक रतन कुमार श्रीवास्तव को हुई। उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और अजगैन थानाध्यक्ष से घटना के बाबत पूछताछ की तो पता चला कि उन्हें इसकी गंभीरता की जानकारी तक नहीं है। इससे उन्होंने कुछ गोलमोल जवाब दिए। एसओ का उत्तर सुन कर एसपी ने उन्हें फटकार लगायी तो अजगैन थाने का पूरा अमला हरकत में आया और एसओ से लेकर अन्य दरोगा सिपाही तक जिला अस्पताल में महिला का हाल और डाक्टरी रिपोर्ट पता लगाने के लिए पहुंच गए।
जिम्मेदार बोल
''नयाखेड़ा में हुई घटना के मामले में मारपीट और अनुसूचित जाति उत्पीड़न की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पीड़ित महिला को मेडिकल करा लिया गया। उसके उपचार के भी प्रबंध किए जा रहे हैं। इसमें लापरवाही की जो शिकायतें मिली हैं उनकी जांच कराई जाएगी। यदि कोई दोषी मिलता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।'' -रतन कुमार श्रीवास्तव, एसपी उन्नाव।