वसूली करने वालों पर नहीं, चालकों पर होगी कार्रवाई!
उन्नाव, जागरण संवाददाता: कानपुर से शुक्लागंज और उन्नाव के मध्य चलने वाले टेंपो से बेधड़क थाने के ठीक सामने वर्षो से अवैध वसूली हो रही है और थानाध्यक्ष से लेकर वहां का पूरा अमला इससे अंजान है! उन्हें अवैध रूप से संचालित वाहन स्टैंड, वहां लगने वाले जाम व अराजकता का पता तब चला, जब जागरण ने मंगलवार के अंक में इस अवैध वसूली से जुड़ी खबर प्रकाशित की। अब थाना पुलिस अराजकता दूर करने के लिए अभियान चला टेंपो चालकों के चालान करेगी। लेकिन वह अति व्यस्त मुख्यमार्ग से संचालित स्टैंड को बंद करायेगी न अवैध वसूली पर कोई कार्यवाही करेंगी। इस बात का खुलासा जागरण की खबर प्रकाशित होने के बाद थाना पुलिस से हुई बातचीत के बाद हुआ।
गंगाघाट थाने के ठीक पोनी रोड तिराहे और उसके दोनों छोरों पर लगभग पचास मीटर दूरी पर टेंपो चालकों की अराजकता शायद ही वहां से गुजरने वालों के लिए मुसीबत न बनती हो। यह सब इस लिए हैं क्योंकि मुख्य मार्ग से अवैध वाहन स्टैंड का संचालन होता है। जागरण ने इस मुद्दे को लेकर मंगलवार के अंक में खबर प्रकाशित की। इसके बाद जब गंगाघाट थानाध्यक्ष बेनी माधव त्रिपाठी ने अवैध रूप से संचालित वाहन स्टैंड पर बात की गई तो उन्होंने बड़ी ही सफाई से अवैध वसूली की जानकारी होने तक से इंकार करते हुए कहा कि जागरण में खबर पढ़ने के बाद मुझे स्टैंड के संचालन की जानकारी हुई है। उन्होंने कहा कि टेंपो चालकों की अराजकता पर लगाम लगाने के लिए थाना पुलिस अभियान चलाकर टेंपो चालकों का चालान करेगी। यदि टेपों चालकों की वजह से पोनी रोड तिराहे पर जाम लगता है तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। लेकिन जब वसूली को लेकर सवाल हुए तो उन्होंने एक बार फिर इसकी जानकारी होने से इंकार किया लेकिन न तो जांच कर पता करने की बात कहीं और न ही यदि हो रही है तो उसे रुकवाने जैसी रणनीति पर ही कुछ कहा।
वाहन स्टैंड नहीं अवैध वसूली का अड्डा
गंगाघाट थाने के ठीक बाहर पोनी रोड तिराहा पर उन्नाव, शुक्लागंज कानपुर के बीच चलने वाले टेंपो का स्टैंड काफी लम्बे समय से संचालित है। अवैध रूप से संचालित वाहन स्टैंड पर प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही संचालकों के चेहरे बदलते हैं। सपा के समय सपाई और बसपा सरकार के समय बसपाई या अन्य दलों की सरकार के समय उनके लोग ही इसके संचालन की बाग डोर संभाल कर चालकों से जबरन अवैध वसूली करते हैं। मजे की बात यह है कि थाने पर आने जाने वाली स्थानीय पुलिस से लेकर आला अधिकारियों तक की नजर इसपर पड़ती है, लेकिन कार्यवाही आज नहीं हुई। सत्ता के दबाव और पुलिस की साठगांठ से संचालित इस स्टैंड पर गुंडा टैक्स देना चालकों की मजबूरी है।