विकास के लिए प्रधानों ने खोला मोर्चा
उन्नाव, जागरण संवाददाता: मनरेगा के श्रमिकों को समय से मजदूरी नहीं मिल पा रही है। ईटों के मूल्य में वृद्धि हो गई है पर सरकारी दरो में कोई बदलाव नहीं किया गया है। खड़ंजा मार्ग निर्माण के लिए मिट्टी नहीं मिल रही है इससे विकास कार्य बाधित हैं। गांवों के विकास की राह में इन समस्याओं ने रोड़ा अटका रखा है। आजिज ग्राम प्रधानों ने इन समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को विकास खंड सिकंदरपुर कर्ण के प्रधानों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर डीएम को संबोधित तीन ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को दिया।
सिकंदरपुर कर्ण ब्लाक प्रधान संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ तिवारी के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक ग्राम प्रधानों ने मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रधानों ने जो ज्ञापन दिए है उनमें कहा है कि मनरेगा से दो माह पूर्व कराए गए विकास कार्यो में काम करने वाले मजदूरों को अब तक मजदूरी नहीं मिली है। इससे मजदूर काम करने को तैयार नहीं हैं उन्हें मजदूरी का तत्काल भुगतान कराया जाए। दूसरे ज्ञापन में कहा गया है कि ईटों की कीमत लगातार बढ़ रही हैं जबकि सरकारी दरें पूर्ववत् हैं। उनका कहना था कि सरकारी दर 6200 रुपया प्रति हजार है जबकि वर्तमान में 8000 हजार रुपया प्रति हजार का रेट है। इससे खड़ंजा मार्गो समेत विभिन्न कार्यो में काम कराने में समस्या आ रही है। उन्होंने ईट की सरकारी दरों को रिवाइज कराने की मांग की है। प्रधान संघ ने कहा हैं कि सड़क और खड़ंजा मार्गो के निर्माण में मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है। गांव के बाहर से मिट्टी मंगवानी पड़ती है। मिट्टी का खनन कराने पर पुलिस परेशान करती है। प्रधानों ने मांग की है कि विकास कार्य के लिए मिट्टी लाने की अनुमति खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से दिलाई जाए। डीएम सौम्या अग्रवाल ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। ज्ञापन देने वालों में सुमति देवी, शिवपाल, शैला पाण्डे, दिनेश सिंह सेंगर, सुरेश कुमार त्रिवेदी, राजेश यादव, सतीश कुमार, कमला देवी आदि शामिल रहीं।