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बुखार से मौतों की देनी होगी रिपोर्ट

By Edited By: Published: Thu, 31 Jul 2014 07:39 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jul 2014 07:39 PM (IST)

उन्नाव, जागरण संवाददाता: प्रदेश के 36 जनपदों में जापानी इंसेफेलाइटिस फैलने का खतरा है। जिन जनपदों में जापानी इंसेफेलाइटिस फैलने का खतरा जताया गया है उनमें उन्नाव व कानपुर नगर भी शामिल है। को लेकर स्वास्थ्य प्रशासन ने सभी जनपदों में रेड एलर्ट जारी कर मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस)और जापानी बुखार (जेई) के संभावित रोगियों और उससे होने वाली मौतों उसे रोकने के लिए की गई निरोधात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट राज्य सर्विलेंस अधिकारी को भेजी जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि बुखार के जो रोगी आए उनमें जिस रोगी में भी जापनी बुखार के लक्षण पाए जाएं उसका परीक्षण कराया जाए।

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महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने उक्त आदेश जारी किया है। उन्होंने जापनी बुखार को लेकर प्रदेश के 36 जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को रेड एलर्ट कर निर्देश दिया है कि फीवर ट्रैकिंग पर विशेष सर्तकता बरती जाएं। अस्पताल आने वाले हर बुखार रोगी को नियमित चेकअप किया जिनमें एईएस या जेई के लक्षण नजर आए उन रोगियों का परीक्षण कराया जाए। परीक्षण रिपोर्ट के साथ ही प्रतिदिन कितने संभावित रोगी आए, परीक्षण के कितने रोगी चिन्हित हुए, कितने रोगियों का परीक्षण कराया गया तथा कितने रोगियों की मौत हुई इसकी रिपोर्ट राज्य सर्विलेंस कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने दैनिक रिपोर्टिग में लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा है कि आईडीएसपी कार्यक्रम के तहत कर्मचारी भी नियुक्त हैं पर उसके बाद भी रिपोर्टिग में शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।

आशा बहू बुखार के पीड़ित बच्चों की देंगी सूचना

उन्नाव: दस्त प्रबंधन कार्यक्रम के तहत पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को चिन्हित कर उनके अभिभावकों को बच्चों को दस्त (डायरिया) से बचाव के उपाय बताने के साथ ही बुखार पीड़ित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। एईएस/जेई राज्य कार्यक्रम निदेशक ने निर्देश दिया है कि आशा बहू जेई टीकाकरण के लक्षित बच्चों और उनके टीकाकरण की स्थिति तथा छूटे हुए बच्चों को चिन्हित कर सूची देना सुनिश्चित करें।

जेई के परीक्षण की नहीं व्यवस्था

जिले में एक्यूट सिंड्रोम इंसेफेलाइटिस (एईएस) या जापानी बुखार (जेई) के परीक्षण की कोई व्यवस्था नहीं हैं। सीएमएस डॉ. एके चतुर्वेदी ने बताया कि संभावित रोगियों का सैंपल लेकर परीक्षण के लिए लखनऊ भेजा जाता है जहां से रिपोर्ट आती है।


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