स्कूल वाहनों पर प्रशासन की नजर टेढ़ी
उन्नाव, जागरण संवाददाता: जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को जोखिम से बचाने के लिए स्कूल बसों व अन्य वाहनों की सघन चेकिंग करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा हैं स्कूल बसों का फिटनेस तत्काल कराया जाए जो वाहन निर्धारित मानक पूरा न कर रहे हों उन पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
डीएम श्रीमती अग्रवाल ने उक्त चेतावनी स्कूल प्रबंधकों की बैठक में वाहन स्वामियों को दी। उन्होंने एआरटीओ और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह स्कूल बसों व अन्य वाहनों की सघन चेकिंग करे। स्कूल वाहनों के लिए तय गाइड लाइन का जिस वाहन में उल्लंघन पाया जाए उसे सीज करने के साथ ही विधिक कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि स्कूल वाहनों के लिए जो गाइड लाइन से वाहन पर पीछे चिपकाया जाए। फर्स्ट एड बाक्स और फायर उपकरण अनिवार्य रूप से रहे। पुलिस अधीक्षक रतन कुमार श्रीवास्तव ने स्कूल वाहनों के लिए तय नियमों की जानकारी प्रबंधकों को दी और उन्हें जिम्मेदारी दी कि वह स्वयं चेक कर लें वाहन नियमों का मानक पूरा कर रहे हैं या नहीं। एआरटीओ संजय झा व विभिन्न विद्यालयों के प्रबंधक बैठक में मौजूद रहे।
15 वर्ष से पुराना न हो वाहन
स्कूल वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए। गैस से चलने वाले वाहनों में लगी किट कंपनी मानक की होनी चाहिए। आगे पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए। स्कूल वाहनों के चालक और सहायक को ड्रेस में होना चाहिए। सीटिंग क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने पर चालक के विरुद्ध सीधी कार्रवाई की जाएगी। चालक के पास पांच वर्ष पुराना कामर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
स्पीड अलार्म की हो व्यवस्था
पुलिस अधीक्षक रतन कुमार मिश्र ने निर्देश दिया कि चालक सीट के पास स्पीड अलार्म लगा होना चाहिए। ताकि गति अधिक होने पर बस इंचार्ज टीचर को इसकी जानकारी हो सके और वह उसे गति नियंत्रित करने को बाध्य करे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जिन स्कूल वाहनों का फिटनेस न हो उनके वाहन स्वामी अवकाश के दिन 13 व 20 जुलाई को हर हाल में फिटनेस करा लें।