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विषाक्त आम खाने से सगे भाइयों की मौत

By Edited By: Published: Fri, 02 Aug 2013 01:11 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2013 01:13 AM (IST)
विषाक्त आम खाने से सगे भाइयों की मौत

अचलगंज, अंप्र : पड़री कला के मजरे घनाखेड़ा में विषाक्त आम खाने से सगे भाइयों की मौत हो गई। देरशाम बाजार से लाए आम खाने के बाद परिवार के आधा दर्जन लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए। सभी को उल्टी हो रही थी। दोनों भाइयों की हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल लाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई। जबकि अन्य सभी के पेट में दर्द की शिकायत थी जो दवा खाने के बाद ठीक हो गए। मृतक घुमंतू जाति नट बिरादरी के हैं। उनका परिवार घनाखेड़ा मुख्य मार्ग पर इंदिरा आवास कालोनी में रह रहा है।

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दोनो मरने वाले बच्चे शंकरी नट के हैं, जिनमें काली शंकर उर्फ काली (12) व उसका छोटा भाई कंधई (10) की मौत बुधवार देर रात हुई। उनके पिता ने बताया कि बुधवार को नेवरना बाजार से आम लाया था जिसे दोनो पुत्रों गुठली और बकला सहित खा लिया। इसी के दो घंटे उल्टी आने लगी स्थिति बिगड़ने पर गश्त पर रहे सिपाहियों ने जिला अस्पताल भेजा। जिला अस्पताल पहुंचने के बजाए नेवरना गांव के आगे दोनों भाइयों कालीशंकर और कंधई ने दम तोड़ दिया। पिता शंकरी ने बताया कि आम काफी सड़े-गले थे, बच्चे समझ नहीं पाए उन्होंने घर के खाने में रोटी, बैगन की सब्जी बनना बताया। संभावना व्यक्त की जा रही है कि आम कारवेटयुक्त रहे हैं और सड़-गल गए थे जिससे सभी फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए।

मृतक के परिजन मांगने-खाने का पुस्तैनी पेशा करते हैं। पशु पालन भी करते हैं। पिता ने कहा कि परिवार में अन्य लोगों ने भी आम खाया लेकिन उसे निचोड़ कर खाया जिससे असर कम रहा। पेट सभी का दर्द करता रहा। मृतकों के पेट से उल्टी के दौरान आम के छिकले- गुठली गिरी है। दोनो बच्चों को घर के निकट ही जमीन में दफन किया गया है। पूरा परिवार गमजदा रहा। ग्राम प्रधान राजू त्रिवेदी ने पहुंच कर सांत्वना दी। उन्होंने भी फूड प्वाइजनिंग की पुष्टि की है।

आम बना जान का दुश्मन

चिकित्सकों के अनुसार बरसात की अधिकता से आम जिसे फलों का राजा कहा जाता है अब विषाक्त हो गया है। वर्तमान बेचा जा रहा लखनउवा, तोतापरी व दोगला चौसा बदरंग होकर जनजीवन के लिए विषैला हो गया है। साथ ही गले आम में कीड़ा आ गए हैं।

न खाएं काले छिलके वाले आम

फिजीशियन डॉ. आलोक पाण्डे ने कहा कि इस समय आम कीड़ा युक्त हो चुका है। जिस आम के छिलके काले और चित्तीदार हों उसका सेवन न करें। उन्होंने कहा कि सड़े गले फलों का सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग होती है।

चलेगा छापामार अभियान

उक्त हादसे के बाद खाद्य सुरक्षा अभिहित अधिकारी सुशील सचान ने बताया कि कटे व सड़े गले फल तथा खुले में रखी दूषित खाद्य सामग्री बेंचने वालों की धरपकड़ और छापा मारी का अभियान चलाया जाएगा।

दूसरे दिन भी गांव रहा सुर्खियों में

घनाखेड़ा में मंगलवार रात वृद्ध की हत्या में सगे भाई व दामाद पर हत्या के आरोपों से चर्चा में रहा। बुधवार को हत्याकांड स्थल के ठीक बगल में यह हादसा हुआ जहां पुलिस पिकेट थी।

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