अस्पतालों में सब है बस डाक्टर नहीं
उन्नाव, नगर संवाददाता: सरकार भले स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरा करने के लिए करोड़ों रुपया खर्च कर रही हो, लेकिन चिकित्सकों व स्टाफ की कमी से लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है। एक तरफ तो इलाज को बेहतर बनाने के लिए सीएचसी को अपग्रेड करने आदि पर करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं दूसरी तरफ डाक्टरों की संख्या जरूरत की आधी भी नहीं है। इससे लोगों को इलाज का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
एक नजर हालिया स्थिति की ही देखें। गांवों के लोगों को पास में ही बेहतर इलाज मिले इसके लिए ब्लाक मुख्यालय के 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उच्चीकृत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया है। लेकिन किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मानक के अनुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती नही हैं। जब विशेषज्ञ चिकित्सक ही नहीं हैं तो कैसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।
जिले में 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थे। बेहतर चिकित्सा सेवा देने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ब्लाक स्तर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने का निर्णय लिया था। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर जिले के 16 में से 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवर्तित किया जा चुका है।
मानक के अनुसार हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच विशेषज्ञ चिकित्सक होने चाहिए। चौबीस घंटे वार्ड की ड्यूटी के लिए कम से कम 6 स्टाफ नर्स की आवश्यकता होती है। इसके साथ लैब टेक्नीशियन, रेडियोलाजिस्ट, एक्सरे आपरेटर आदि की जरूरत होती है।
12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 60 विशेषज्ञ चिकित्सक होने चाहिए जबकि जिले में मात्र 27 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती है। विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से नए भवन में अस्पताल का संचालन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दे दिया गया हो पर रोगियों को इसका लाभ नहीं मिल सका है। उन्हें आज भी जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ रही है। नए स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रोगियों को भर्ती भी नहीं कि जा रहा है। इसके पीछे कारण स्टाफ और चिकित्सकों की कमी ही बताया जा रहा है।
-जिले में 158 पद चिकित्सकों के हैं। 148 चिकित्सकों की तैनाती है। स्टाफ की पूर्ति संविदा कर्मचारियों से की गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी भले ही हो पर हर अस्पताल में मानक के अनुसार चिकित्सक तैनात हैं और सीएचसी सुचारू रूप से चल रही हैं।-डॉ. डीपी मिश्र, सीएमओ
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