क्लास में मोदी 'सर' को देख चहके बच्चे
सुल्तानपुर : शुक्रवार को मोदी 'सर' की क्लास थी। समय तय था तीन बजे से। न घंटा बजा और न ही ब्लैकबोर्ड साफ किया गया। क्योंकि सबको पता था कि 'सर' क्लास में नहीं स्क्रीन पर आएंगे। वे आए और छा गए। सवाल कहीं होता था पर जवाब पर बच्चों के चेहरे पर भाव जरूर उभर आते थे। सच मानों तो छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम से इतर उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने वाला कोई 'सर' आज जरूर मिल गया। विद्यालयों में व्यवस्था खूब हुई तो पर, सबसे ज्यादा निराश हुए सरकारी स्कूलों बच्चे। दूर-दराज प्राथमिक स्कूलों के बच्चे सर को नहीं देख पाए। पर, रेडियो से कान लगाकर बातें तो सुनीं ही। हां, बिजली ने अपना रंग वही दिखाया जो वह हर प्रमुख दिवसों पर दिखाती आई है। यूं तो रोस्टर के हिसाब से उसे आना भी नहीं था और वो आई भी नहीं। देहात हो या शहर कहीं भी बिजली नहीं आई। स्कूलों में अपने-अपने स्तर से व्यवस्था की गई। किसी स्कूल ने प्रोजेक्टर लगाए तो किसी ने एलइडी। कहीं पर रेडियो पर ही सबसे बड़े 'सर' का मार्गदर्शन मिला।
शहर के केंद्रीय विद्यालय अमहट, गुरुचरन कौर पब्लिक स्कूल, एमजीएस कालेज, केशकुमारी राजकीय बालिका इंटर कालेज समेत विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्राएं बेसब्री से प्रधानमंत्री के संबोधन का इंतजार करते दिखे। सवा तीन बजा और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्क्रीन पर आए तो उत्साहित विद्यार्थी पुलकित हो उठे। ऐसा लगा मानो मोदी 'सर' के एक-एक शब्द विद्यार्थी ग्रहण कर लेना चाहते हैं। प्रश्न प्रहर में जब बेरोजगारी, राजनीति और शिक्षक की भूमिका आदि विषयों पर मोदी के सटीक जवाब ने बच्चों की जिज्ञासा शांत कर दी। हाल तालियों की गड़गड़ाहट से देर तक गूंजता रहा। करीब दो घंटे तक पीएम ने विद्यार्थियों को बांधे रखा। वहीं दूसरी ओर सरकारी एवं बेसिक स्कूलों ने बच्चों को खासा निराश किया। तैयारी न होने की वजह से ग्रामीणांचल के सैकड़ों स्कूल कार्यक्रम का प्रसारण ही नहीं कर सके। अखंडनगर संवादसूत्र के अनुसार कस्बे के जूनियर हाईस्कूल में प्रोजेक्टर लगाकर जनरेटर की मदद से मोदी 'सर' की क्लास में बच्चे शामिल हुए। बेलवाई में बच्चों ने रेडियो से प्रसारण सुना। कलान, बेहराभारी, उमरी आदि इंटर कालेज बंद रहे। करौंदीकला संवादसूत्र के अनुसार कुछ विद्यालयों में रेडियो पर बच्चों को प्रसारण सुनाया गया। अधिकांश विद्यालयों में टीवी, कंप्यूटर की कोई व्यवस्था नहीं। लम्भुआ संवादसूत्र के अनुसार नमो के भाषण के प्रसारण की इलाके में सिर्फ खानापूर्ति की गई। कई स्कूलों में ताले लटके रहे। निजी स्कूलों में सरकारी आदेश को ठेंगा दिखा दिया और पीएम के भाषण के पहले ही इनमें छुट्टी कर दी गई। अलबत्ता बीआरसी सभाकक्ष में ब्लाक मुख्यालय के स्कूलों के बच्चों ने मोदी का लाइव भाषण दिखाया। जनरेटर के शोर व साउंड की व्यवस्था न होने से बच्चों को समझने में मुश्किल हुई। जगन्नाथपुर में प्रावि में रेडियो की व्यवस्था की गई। एमपीआरसी शाहगढ़ में टीवी की व्यवस्था की गई। दूल्हापुर प्रावि में ताला लटका रहा। सूरापुर और चांदा संवादसूत्र के अनुसार क्षेत्र के स्कूलों में मोदी के भाषण को लेकर बच्चों में उत्सुकता तो थी लेकिन बिजली ने दगा दे दिया।