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अफसरों के 'दरबार' से निराश लौटे 744 फरियादी

सुलतानपुर: तहसील दिवस का नाम परिवर्तित कर शासन ने संपूर्ण समाधान दिवस कर दिया है। इसके पीछ

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 09:10 PM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2017 09:10 PM (IST)
अफसरों के 'दरबार' से निराश लौटे 744 फरियादी
अफसरों के 'दरबार' से निराश लौटे 744 फरियादी

सुलतानपुर: तहसील दिवस का नाम परिवर्तित कर शासन ने संपूर्ण समाधान दिवस कर दिया है। इसके पीछे मंशा भी साफ है कि सारे मामलों का निस्तारण यहां होगा। मगर बुधवार को अधिकारियों के सामने 788 फरियादी गिड़गिड़ाते रहे। लेकिन सिर्फ 44 को ही मौके पर न्याय मिला। जबकि 744 फरियादियों को निराश लौटना पड़ा। सदर तहसील में तो शासन के सचिव प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा व जिले के नोडल अफसर भुवनेश कुमार के सामने से सर्वाधिक 220 फरियादियों को तत्काल न्याय नहीं दिलाया जा सका।

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सदर तहसील में शासन के सचिव भुवनेश कुमार के साथ जिलाधिकारी हरेंद्रवीर ¨सह, एसपी अमित वर्मा, सीडीओ रामयज्ञ मिश्र, एसडीएम प्रमोद पांडेय ने 233 मामलों की सुनवाई की। तहसीलदार राजेश ¨सह के अनुसार, महज 13 प्रकरणों को निस्तारित किया जा सका है। अन्य मामलों के निराकरण के लिए राजस्व व पुलिस की टीमें गठित की गई हैं। सचिव ने पूर्व के सौ मामलों की समीक्षा की, लेकिन इसमें से अधिकांश प्रकरणों का निस्तारण गुणवत्तापूर्वक नहीं पाया गया। इन मामलों को दोबारा निस्तारित कराने के निर्देश एसडीएम को दिया। कादीपुर संवादसूत्र के अनुसार, 198 प्रार्थनापत्रों की सुनवाई की गई। जिसमें से मौके पर 6 का निस्तारण हुआ। उपजिलाधिकारी मोतीलाल ¨सह, क्षेत्राधिकारी नवीना शुक्ला ने मामलों की सुनवाई की।

जय¨सहपुर संवादसूत्र के अनुसार, एडीएम वित्त एवं राजस्व अमरनाथ राय की अध्यक्षता में 131 शिकायतें सुनी गईं। मौके पर राजस्व के 9 व थाने से सम्बंधित 3 मामलों का ही निस्तारण हो सका। इस मौके पर एसडीएम चन्द्रशेखर मिश्र, सीओ धमेंद्र सचान मौजूद रहे।

बल्दीराय संवादसूत्र के अनुसार, एडीएम प्रशासन बीडीसी ¨सह की अध्यक्षता में कुल 54 शिकायतें सुनी गईं। जिसमें चार का निस्तारण मौके पर हो सका। एएसपी सूर्यकांत त्रिपाठी व अन्य मौजूद रहे।

लम्भुआ संवादसूत्र के अनुसार, तहसील में 172 शिकायतें दर्ज हुईं। यहां विधायक देवमणि दूबे, उपजिलाधिकारी सलिल पटेल, सीओ मुकेश चन्द्र उत्तम, तहसीलदार संजीव कुमार शाक्य आदि ने शिकायतों की सुनवाई की। लेकिन महज दस मामलों को निस्तारित करा सके।


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