ऑक्सीजन के अभाव में नवजात की गई जान
सुलतानपुर : शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी सरकारी चिकित्सकों की कार्यशैली में सुधार नहीं आ रह
सुलतानपुर : शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी सरकारी चिकित्सकों की कार्यशैली में सुधार नहीं आ रहा है। स्थानीय सीएचसी में प्रसव के दौरान बरती गई लापरवाही से नवजात की हालत बिगड़ गई। आरोप है कि चिकित्सक ने पल्ला झाड़ने के लिए बच्चे को कस्बे के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन चढ़वाने की बात कहकर भेज दिया। इलाज में देरी की वजह से उसकी मौत हो गई। पीड़ित ने मामले की शिकायत महकमे के उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर की है।
स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के सुरहुरपुर निवासी महबूब आलम की गर्भवती पत्नी हाजिरा खातून को गत मंगलवार की देररात प्रसव पीड़ा होने लगी। जिस पर उन्होंने उसे रात करीब 11 बजे दोस्तपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जहां पर महिला चिकित्सक नदारद मिलीं। एएनएम व दाई ने प्रसव कराया। विशेषज्ञ चिकित्सक की गैर मौजूदगी के चलते प्रसव के बाद बच्चे की हालत खराब हो गई। जिस पर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बताया कि नवजात को ऑक्सीजन की जरूरत है, जिसकी सुविधा अस्पताल में नहीं है। इसे नर्सिंग होम में भर्ती कराना पड़ेगा। जब तक बच्चे को निजी अस्पताल ले जाया गया, उसकी सांसे थम चुकी थी। मामले की शिकायत गुरुवार को स्वास्थ्य महकमे के उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री को फैक्स भेजकर की गई।
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सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। यदि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने इलाज में लापरवाही की है तो यह गंभीर विषय है। मामले की जांच-पड़ताल कराई जाएगी।
-डा.राम आसरे, एसीएमओ