प्रतिबंधित गैसकिट से फर्राटा भर रहे चौपहिया वाहन
सुलतानपुर: बाजारों में चोरी छिप प्रतिबंधित गैस किट बिक रही है। एलपीजी हो या सीएनजी, जो चाहें सो मि
सुलतानपुर: बाजारों में चोरी छिप प्रतिबंधित गैस किट बिक रही है। एलपीजी हो या सीएनजी, जो चाहें सो मिलेगा। पेट्रोल और डीजल से कहीं सस्ता, बस लगवाइए और घरेलू गैस सिलेंडर से फर्राटा भरिए। शहर हो या तहसील मुख्यालय या फिर ब्लॉक और ग्रामीण क्षेत्र। यह बातें सार्वजनिक रूप से कही जाती हैं। वजह साफ है, अफसर निष्क्रिय हैं। साल में खानापूर्ति करने को भले ही अभियान चलाया जाता हो। वह भी सिर्फ सरकारी अभिलेखों में कालम पूरा करने के लिए। अफसरशाही के इसी अंदाज के चलते अवैध कारोबारियों में इसकी सख्ती को लेकर भय खत्म हो चला है।
घरेलू गैस सिलिंडरों पर सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है। 14.2 किलो का सिलेंडर 607.5 रुपये का एजेंसियों पर मिल रहा है। इसकी सब्सिडी उपभोक्ता के खाते में भी भेजी जा रही है। यानी बिना सब्सिडी का मूल्य देखें तो करीब 450 रुपये का सिलिंडर उपलब्ध है। दूसरी तरफ व्यावसायिक सिलिंडर 19 किलो का 1188.5 रुपये में उपलब्ध है। घरेलू सिलिंडर की प्रति किलो कीमत 42 और व्यावसायिक की 62 रुपये है। 20 रुपये का अंदर बड़ी खपत में मायने रखता है। इसीलिए वाहनों में अवैध एलपीजी किट लगाने वाले लोग इसी पर जोर मारते हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी भी बड़े पैमाने पर अवैध घरेलू कनेक्शन चल रहे हैं। इससे वाहनों में अवैध रीफि¨लग की जा रही है और पेट्रोल-डीजल से कहीं सस्ता सफर का मजा लिया जा रहा है।
इनसेट..: हादसा हुआ तो नियंत्रण होगा मुश्किल
अवैध किट लगाकर चलने वाले लोग अमूमन अग्निशमन यंत्र नहीं रखते हैं। ऐसे में अगर किट से गैस लीक हुई और अग्निकांड हुआ तो उसे नियंत्रित करना स्थानीय लोगों या वाहन स्वामी के लिए संभव नहीं होगा। बाजारों में यह घटना हुई तो बड़ी जनहानि हो सकती है। इसके लिए संभागीय परिवहन विभाग, आपूर्ति विभाग व स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार बनाया गया है। इन विभागों के अफसर कार्रवाई के बजाय कागजी कोरम पूरा करते रहते हैं।
इनसेट..: जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा रहे अफसर
इस साल दो से तीन बार जांच की गई है। स्कूलों के खुलने के दौरान वाहनों की पड़ताल कराई जाती है। राममणि शर्मा, श्रम प्रवर्तन अधिकारी
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वाहनों में घरेलू सिलेंडर रखने व अवैध किट से गाड़ी चलाने के मामले में संभागीय परिवहन विभाग जिम्मेदार है। उनकी तरफ से जांच टीम गठित कर अभियान चलाने पर विभाग की तरफ से सहयोग दिया जाता है।
-संजय प्रसाद, जिलापूर्ति अधिकारी
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घरेलू गैस सिलेंडर के दुरुपयोग मामले में जिला आपूर्ति अफसर ही जिम्मेदार हैं। यदि वे मदद चाहें तो जांच में हर संभव सहयोग किया जाएगा।
-आरएस मिश्रा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी