प्रतिमाह लाखों के नकली डीजल का कारोबार
सुलतानपुर: सब्सिडी वाले सरकारी केरोसिन से नकली डीजल बनाने के हुए तीन खुलासे के बाद भी आपूर्ति अफसर स
सुलतानपुर: सब्सिडी वाले सरकारी केरोसिन से नकली डीजल बनाने के हुए तीन खुलासे के बाद भी आपूर्ति अफसर सक्रिय नहीं हो पाए हैं। मुकदमा दर्ज कराके जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाया जा रहा है। इससे अवैध कारोबारियों के हौंसले बढ़ रहे हैं, प्रतिमाह लाखों रुपयों का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। सदर तहसील के अलीगंज बाजार से बरामद हुए 32 खाली ड्रम, 200 लीटर सरकारी केरोसिन, 30 लीटर अपमिश्रित डीजल, 50 लीटर केमिकल, अग्निशमन यंत्र समेत कई उपकरणों ने आपूर्ति विभाग के अफसरों की कार्यशैली की सच्चाई सामने ला दी है। इसी बाजार क्षेत्र से पहले भी दो बार छापामारी में नकली डीजल बरामद किया जा चुका है। स्थानीय लोगों की सूचना पर अफसर जांच करते हैं, अनियमितता मिलने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत स्थानीय थाने में मुकदमा पंजीकृत कराके पुलिस पर जांच छोड़ देते हैं।
-इनसेट..: यूं बनता है नकली डीजल
खाद्य विभाग की तरफ से गरीबी रेखा व इससे नीचे समेत सामान्य वर्ग के परिवारों के लिए भी रियायती दर पर केरोसिन तेल दिया जाता है। इस पर सरकार की तरफ से बड़े पैमाने पर सब्सिडी दी जाती है। केरोसिन का व्यावसायिक व अवैध कारोबार न हो, इसके लिए सफेद रंग की केरोसिन को नीला रंग दिया गया है। अवैध कारोबारी बड़े हौज में केरोसिन डालकर केमिकल युक्त पाउडर मिला देते हैं। 18 से 24 घंटे के दौरान केमिकल केरोसिन का नीला रंग खींच लेता है और उसके दाने मोटे हो जाते हैं। इसे छानकर सफेद रंग का केरोसिन तैयार किया जाता है। जिसमें मोबिल मिलाकर हूबहू असली केरोसिन की शक्ल दी जाती है।
-इनसेट..:पेट्रोल पंपों पर खप रहा नकली डीजल
केरोसिन से तैयार नकली डीजल बड़े पैमाने पर पेट्रोल पंपों पर खपाया जा रहा है। एआरओ अजय ¨सह के मुताबिक सत्र 2012-16 के बीच पंपों की जांच में यह तथ्य सामने आया था। जांच अभियान चला और संचालकों ने नकली डीजल को छिपा लिया था। इसके वाहनों में प्रयोग होने से इंजन की उम्र एक तिहाई कम हो जाती है। अचानक इंजन भ्रष्ट होने की घटनाएं भी सामने आती हैं।