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कटका गोदाम पर भिड़े खाद्य व एफसीआइ के अफसर

सुलतानपुर : कस्टम मिल्ड चावल के फेल किए जाने के मामले में गुरुवार को खाद्य निगम व भारतीय खाद्य निग

By Edited By: Published: Thu, 19 Jan 2017 11:42 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2017 11:42 PM (IST)
कटका गोदाम पर भिड़े खाद्य व एफसीआइ के अफसर
कटका गोदाम पर भिड़े खाद्य व एफसीआइ के अफसर

सुलतानपुर : कस्टम मिल्ड चावल के फेल किए जाने के मामले में गुरुवार को खाद्य निगम व भारतीय खाद्य निगम के अफसर आमने-सामने आ गए। नोडल एजेंसी की तरफ से ज्वाइंट एनालिसिस (संयुक्त विश्लेषण) करने की मांग निगम के अफसरों ने अस्वीकार कर दी। हालत की नाजुकता भांप पहुंचे जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने गोदाम पर रखे चावल की जांच की। जिसमें पड़ताल में चावल सामान्य पाया गया है। इसके पीछे निगम के अफसरों का मनमाना रवैया बताया जा रहा है।

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अनुबंधित मिलर्स आठ लाट यानि 2160 ¨क्वटल कस्टम मिल्ड चावल लेकर भारतीय खाद्य निगम की गोदाम पर गए थे। गुणवत्ता की जांच के दौरान एफसीआइ ने सभी आठ लाटों को फेल कर दिया। बताया गया कि यह चावल केंद्र सरकार के मानक पर खरे नहीं उतर रहे हैं। गुरुवार को मिलर्स को परेशान देख जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी कमलेश ¨सह विपणन निरीक्षकों के साथ कटका के एफसीआइ गोदाम पर पहुंचे। खाद्य विभाग की पड़ताल में चावल सामान्य पाया गया। जिस पर विपणन अधिकारी ने चावल का नमूने लेकर ज्वाइंट एनालिसिस कराने की मांग की। खाद्य अफसरों के मुताबिक एफसीआइ अधिकारियों ने स्टॉक की जांच पहले ही हो जाने की बात कहते हुए ज्वाइंट एनालिसिस कराने से इंकार कर दिया। इससे दोनों विभागों के बीच दिनभर खींचतान मची रही।

इनसेट..सुविधा शुल्क के लिए अफसर बनाते दबाव

मंडी प्रशासन से अनुबंधित मिलर्स कहते हैं कि भारतीय खाद्य निगम की जांच टीम सुविधा शुल्क लेने के लिए चावल फेल करने का हथकंडा अपनाती है। मिलर्स सूत्रों के मुताबिक एक लाट के पीछे तय धनराशि देने में आनाकानी करने पर चावल पास नहीं हो पाता है। खाद्य अफसरों ने इसकी शिकायत की जाती है। लेकिन वे शिकायत निगम के अला अफसरों तक नहीं पहुंचाते हैं।

इनसेट..पड़ताल में सामान्य मिला चावल : डीएफएमओ

जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी कमलेश ¨सह ने बताया कि कटका गोदाम पर मिलर्स के रखे गए चावल की जांच की गई। चावल में कोई कमी नहीं मिली है। एफसीआइ के अफसर मिलर्स को परेशान करने के लिए ऐसा कहते रहे हैं। विवाद की दशा में ज्वाइंट एनालिसिस कराने की व्यवस्था है। फिर भी निगम जांच कराने को तैयार नहीं है।


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