नकदी संकट बरकरार, बैंकों व एटीएम में कतारें
सुलतानपुर : नोटबंदी के चलते गुरुवार को भी नकदी का संकट बरकरार रहा। लोगों की परेशानी कम नहीं हो सकी।
सुलतानपुर : नोटबंदी के चलते गुरुवार को भी नकदी का संकट बरकरार रहा। लोगों की परेशानी कम नहीं हो सकी। करेंसी की किल्लत से कई बैंक व एटीएम बंद रहे। जहां खुले, वहां रुपये निकालने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगी रही। भारतीय स्टेट बैंक, बीओबी, यूनियन बैंक, पीएनबी समेत कई बैंकों में मामूली रकम ही लोगों को मिल सकी। वहीं ग्रामीण बैंकों की स्थिति में अभी भी कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी इधर-उधर भटकते दिख रहे हैं। व्यापारी समेत आम जनमानस करेंसी किल्लत से जूझ रहा है।
जरूरतों को पूरा करने के लिए अब लोगों की नींद हराम हो गई है। सुबह से देररात तक एटीएम व बैंक के सामने समय बिताना पड़ रहा है। शहर के भारतीय स्टेट बैंक, बीओबी, आइसीआइसीआइ बैंकों के एटीएम के सामने दिनरात लोग दिखाई रहे हैं।
चांदा संवादसूत्र के अनुसार, बीओबी में पैसा लेने के इंतजार में सुबह से ही बैंक के बाहर लोग कतार में खड़े हो गए। विकास मिश्र, हेमंत कुमार ¨सह, राजकुमार आदि ग्रामीणों ने बैंक मैनेजर पर परिचितों को पैसा बांटने का आरोप लगाया। बैंक मैनेजर दिनेश जायसवाल का कहना है जरुरत के हिसाब से लोगों को पैसा दिया जा रहा है। वहीं आनापुर ग्रामीण बैंक में पिछले गुरुवार से पैसा न आने के कारण बैंक में सन्नाटा पसरा रहा।
दोस्तपुर संवादसूत्र के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा में सुबह से लंबी कतार लगी रही। मामूली रकम लोगों को दी गई। कादीपुर संवादसूत्र के अनुसार, गुरुवार को सेंट्रल बैंक में 6000 रुपये तक का भुगतान हुआ। फिर भी भीड़ कम नहीं हुई है। स्टेट बैंक में महज दोपहर तक पैसा बांटा गया।
सूरापुर संवादसूत्र के अनुसार, किराना व्यापारी अंबे अग्रहरि, कपड़ा व्यापारी पवन कुमार व सियाराम तिवारी आदि का कहना है कि ग्रामीण बैंक में पैसा है नहीं और बाजार में दूसरी बैंक भी नहीं है। कादीपुर दूर है आवागमन का साधन भी अच्छा नहीं है। हम लोग सिर्फ आने-जाने भर के ही रह जाते है।
समूह ने नकदी जमा कर किया सहयोग : विकास खंड के हनुमानगंज स्थित गोसाईं बाबा स्वयं सहायता समूह ने गुरुवार को ग्रामीण बैंक में एक लाख रुपये जमा कर सहयोग किया। अध्यक्ष संजीत कुमार ¨सह व कोषाध्यक्ष राजकुमार जायसवाल की मौजूदगी में समूह सदस्यों ने 18 हजार की 100, 50 व अन्य नोटों सहित कुल एक लाख दो हजार रुपये जमा किए। इस पैसे को परेशान उपभोक्ताओं को बांटा गया।