शहर रोज उगल रहा 60 एमटी प्लास्टिक कचरा
सुलतानपुर : महज दो-तीन किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला छोटा सा शहर। जिसमें दो-ढाई लाख लोग रहते हैं। जिन
सुलतानपुर : महज दो-तीन किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला छोटा सा शहर। जिसमें दो-ढाई लाख लोग रहते हैं। जिनके बीच से रोजाना औसतन 90 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। जिसमें से लगभग 60 एमटी प्लास्टिक कचरा होता है। पॉलीथीन पर्यावरण के साथ ही लोगों की सेहत पर दुस्प्रभाव डालती है। इसी वजह से हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकार ने 40 माइक्रोन से कम मोटाई वाली पॉलीथीन पर रोक लगाने का फरमान गत वर्ष ही जारी कर दिया है। जिसका कितना अनुपालन हो रहा ह , सड़कों पर फल, सब्जी, चाय आदि लेकर जाते लोग हकीकत बयां के लिए पर्याप्त हैं।
जागरूकता न सहभागिता, कैसे हो रोकथाम
पॉलीथीन पर रोक लगाने के लिए सरकारी कार्यवाही से ज्यादा जरूरी लोगों में जागरूकता और सहभागागिता होती है। इसके लिए नौकरशाहों की ओर से अभियान चलाने के निर्देश भी जारी किए गए थे। लेकिन गत वर्ष चंद दिनों तक नगर पालिका प्रशासन ने सचल माइक वाहन से पॉलीथीन पर प्रतिबंध और उसके प्रयोग को लेकर अपील प्रसारित किया था। उसक अलावा पालिका-प्रशासन की ओर से न तो प्रचार के संशाधनों को उपयोग हुआ न ही कहीं वाद-विवाद, निबंध लेखन आदि प्रतियोगिताएं कराई गईं।
अलहदादपुर में हमेशा जलता है कचरा
शहर के निकट अलहदादपुर गांव में पालिका ने कूड़ा डं¨पग स्थल बनाया गया है। पालिका के कर्मी कचरा वहीं गिराते हैं। जिसमें गाहे-बगाहे आग लगा दी जाती है। हालांकि पालिका प्रशासन कचरा जलाने की बात से साफ इन्कार करता है। अधिशासी अधिकारी मुशीर अहमद कहते हैं कि कचरा नहीं जलाना चाहिए। परंतु कुछ स्थानीय लोग अक्सर कचरे के ढेर में आग लगा देते हैं। सूचना पर उसमें पानी डलवा कर आग बुझवाई जाती है।
क्षेत्रीय कार्यालय से प्रदूषण नियंत्रण की खानापूरी
जिले में प्रदूषण नियंत्रण का न कोई कार्यालय है न ही अधिकारी। रायबरेली में क्षेत्रीय कार्यालय है। वहां तैनात अधिकारी यदा-कदा यहां के अफसरों के साथ बैठक करते हैं। आदेश-निर्देश कोरम पूरा होता है। इसके बाद जिम्मेदार विभाग भी पहल नहीं करते।