शिक्षा के क्षेत्र में आई गिरावट : यादव
सुलतानपुर : किसी भी देश के विकास का पैरामीटर शिक्षा है। एक समय था जब भारत विश्वगुरु कहा जाता था। यह
सुलतानपुर : किसी भी देश के विकास का पैरामीटर शिक्षा है। एक समय था जब भारत विश्वगुरु कहा जाता था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब शिक्षा में गिरावट आई है। शिक्षा व्यवस्था में निरंतर परिवर्तनशीलता ही इसका कारण है। यह कहना है उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्य डॉ.नरेंद्रनाथ यादव का। वे रविवार को महात्मा गांधी स्मारक इंटर कालेज में प्रधानाचार्य परिषद के वार्षिक अधिवेशन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
डॉ.यादव ने कहा कि समाज की उम्मीदें शिक्षकों पर टिकी हुई हैं। वह अनुकरणीय होता है। बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में मौजूद हृदय रोग विशेषज्ञ व चिन्मय मिशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.जेपी ¨सह ने देश की शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिस तरह मूर्तिकार अपनी भावनाओं का संप्रेषण उस आकृति के निर्माण में प्रेषित करता है। उसी प्रकार शिक्षक विद्यार्थियों का भी निर्माण करते हैं। मौजूदा स्थिति पर ¨चता जताते हुए वे बोले कि अभिभावक अपने पाल्य को मनोदशा के अनुरूप शिक्षित नहीं कर पा रहा है। जैसा वे सोचते हैं वैसा नहीं हो पा रहा है। परिषद के प्रदेश संरक्षक डॉ.रामनरेश मंजुल ने कहा कि परिस्थिति से अध्यापक कभी भूतपूर्व नहीं होता बल्कि अभूतपूर्व होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिविनि जीके ¨सह ने विद्वत सभाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर उदय प्रकाश ¨सह, राधेश्याम पांडेय, आरपी ¨सह, रामकीर्ति दूबे राम उजागिर तिवारी, रामशिरोमणि यादव, गिरीश कुमारी जायसवाल, रामयश उपाध्याय व ओमप्रकाश त्रिपाठी आदि सेवानिवृत्त प्रधानाचार्यों को अंगवस्त्रम प्रदान कर अभिनंदन किया गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष डॉ.केडी ¨सह, डॉ.डीपी ¨सह, बजरंगी ¨सह आदि मौजूद रहे।