खाता खुला, न पैसा मिला, प्रधान भरोसे'हौसला'
सुलतानपुर : गर्भवती और अतिकुपोषितों को सेहतमंद बनाने के लिए सरकार ने पहल की। आंगनबाड़ी केंद्रों पर ग
सुलतानपुर : गर्भवती और अतिकुपोषितों को सेहतमंद बनाने के लिए सरकार ने पहल की। आंगनबाड़ी केंद्रों पर गरमागरम खाना खिलाने की हौसला पोषण योजना बनाई गई। कार्यक्रम विभाग को बजट भी भेज दिया गया। पर योजना संचालन की व्यवस्था अभी तक मुकम्मल नहीं हो पाई। एक तो शत-प्रतिशत बैंकों में खाते नहीं खुले। जिनका खाता खुला भी, उसमें पैसा नहीं भेजा गया। ऐसे में योजना का क्रियांवयन ग्राम प्रधानों के भरोसे रह गई है।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मिड-डे-मील खिलाकर उनकी सेहत सुधारी गई है। अब ऐसी ही योजना गर्भवती और अति कुपोषितों के लिए बनाई गई। यूं तो कई जिलों में यह योजना चालू हो गई है। पर, जिले में 25 जुलाई की तारीख निर्धारित है। सोमवार से एक साथ 2270 आंगनबाड़ी केंद्रों पर योजना प्रारंभ की जाएगी। 986 ग्राम पंचायतों के 25 हजार गर्भवती व 13 हजार अतिकुपोषितों को मैन्यू के अनुसार पका-पकाया भोजन खिलाया जाएगा। दूध-दही और मौसमी फल देने की भी व्यवस्था बनाई गई है। हर गर्भवती के भोजन के लिए 18 व अतिकुपोषित बच्चों के लिए 13 रुपये के हिसाब से सरकार ने धनराशि आवंटित कर दी है। पैसे की बंदरबांट न हो, इसके लिए योजना के नियंताओं ने बैंकों में खाते खोलने के निर्देश दिए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के बराबर यानी 2270 खाते खोले जाने थे। कार्यक्रम विभाग के सूत्रों के मुताबिक अभी करीब 17,00 खाते ही खोले जा सके हैं। पर, धनराशि किसी भी खाते में नहीं भेजी जा सकी। इस नाते राशन, बर्तन आदि की व्यवस्था भी नहीं की जा सकी है। ऐसे में योजना कैस संचालित की जाएगी? यह जिम्मेदार ही जानें। फिलहाल कार्यक्रम विभाग के अफसर कहते हैं कि प्रधानों को बाद में खर्च की धनराशि समायोजित की जाएगी।
इनसेट..: जांच के लिए लगे 56 अफसर
हौसला पोषण योजना की निगरानी के लिए 56 सेक्टर बनाए गए हैं। हर सेक्टर में दो-दो न्याय पंचायतें शामिल हैं। इतने ही अफसर जांच करेंगे। बाल विकास एवं पुष्टाहार अधिकारी फूलकुमार गौतम ने बताया कि अफसर 10 दिनों तक लगातार योजना की मॅानीट¨रग कर रिपोर्ट देंगे।