सर्वे के जरिए मुआवजा राशि में करोड़ों का'खेल'
सुलतानपुर : पहले दलित की भूमि को चहारदीवारी का बैनामा करवाया। फिर आंशिक मुआवजा की जगह खतौनी धारक का
सुलतानपुर : पहले दलित की भूमि को चहारदीवारी का बैनामा करवाया। फिर आंशिक मुआवजा की जगह खतौनी धारक का मुआवजा सब्र में गोलमाल कर अपने खाते में स्थानांतरित करा ली। इसकी जानकारी होने पर खाताधारक अब कार्यालयों व अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। फोरलेन प्रकरण में घोटालेबाज शुरू से ही हावी रहे। वे सर्वे के समय से ही पैसों के खेल में जुटे और करोड़ों के वारे-न्यारे कर अब चैन की वंशी बजा रहे हैं। वहीं वास्तविक लाभार्थी कागज लेकर अधिकारियों की चौखट पर घूम रहा है। मामला कोतवाली देहात के अभियाकलां गांव से जुड़ा है। जहां गाटा संख्या 732 ओमप्रकाश व जयप्रकाश सुतगण जोखई का है। इसका रकबा .134 हेक्टेयर यानी करीब 11 बिस्वा है। जोखई द्वारा 29.08.2002 को कच्चा हाता दिखाकर इंद्रजीत ¨सह निवासी बरुई तथा दुर्गा देवी निवासी निवासी द्वारा 600 वर्ग फिट व 400 वर्ग फिट करीब एक बिस्वा जमीन बैनामा करा ली गई। फोरलेन में सर्वे के समय जोखई की जमीन का करीब चार बिस्वा हिस्सा फोरलेन में जा रहा है। गजट पेपर निकलने पर उसमें जोखई के पुत्र ओमप्रकाश व जयप्रकाश के नाम की जगह इंद्रजीत ¨सह व दुर्गा देवी को क्रमश:55 लाख 51 हजार तथा 33 लाख 45 हजार कुल मिलाकर 84 लाख रुपये इनके खाते में भेज दिया गया। सर्वे रिपोर्ट में साफतौर पर दिखाया जा रहा है कि संयुक्त सर्वेक्षण में ओमप्रकाश जयप्रकाश का अंश प्रभावित नहीं हो रहा है। इसी तरह इसी गांव में गाटा संख्या 739 मिलजुमला में भी खेल हुआ है। जहां पर पवन कुमार व मंगल प्रकाश की जमीन को कृष्णकांत पुत्र हरीराम तथा रवि कुमार पुत्र हरीराम ने नोटरी कराया है। इसी आधार पर वे करीब 80 लाख रुपया मुआवजा पा चुके हैं। जबकि मूल खातेदार केशकुमार, पवन कुमार व मंगला प्रकाश को कोई मुआवजा नहीं मिला है। वे भी अपना हक पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
इनसेट.. कब्जे के आधार पर दिया गया मुआवजा
एक बिस्वा व आगे कुछ जमीन में खरीदकर काबिज बैनामा धारकों ने पूरे खतौनी पर अपना कब्जा बताकर गलत सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करा दी। इसी आधार पर मूल खाताधारकों का पैसा उनके खाते में भेज दिया गया। अब खातेदारों को जब तक पता चला काफी देर हो चुकी है। गांव के ओमप्रकाश व जयप्रकाश ने 16 जून 2016 को सक्षम अधिकारी/अपर जिलाधिकारी को गाटा संख्या 732 के मुआवजे में अनियमितता की शिकायत की है।
मिली है शिकायत, जांच जारी
सक्षम प्राधिकारी रमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि शिकायत मिली है। जांच-पड़ताल चल रही है। सर्वे के आधार पर ही पैसा बांटा जा रहा है। अगर सर्वे कंपनी की गलती है तो उसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं।