शहर में गूंजा इक ओंकार सतनाम..
सुलतानपुर : ..नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार/जिसने टेक लगाई उसका होया बेड़ा पार। ये पंक्तियां बुध
सुलतानपुर : ..नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार/जिसने टेक लगाई उसका होया बेड़ा पार। ये पंक्तियां बुधवार की सुबह होते ही शहर में गूंज उठीं। लखनऊनाका स्थित पुराना गुरुद्वारा व गुरुनानकपुरा गुरुद्वारे में कीर्तन दरबार सजा और विविध आयोजनों की शुरुआत हुई। दिन भर कार्यक्रमों का सिलसिला चलता रहा। शाम को पंच प्यारों की शोभा यात्रा से माहौल धार्मिक हो उठा। जगह-जगह लोगों ने शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा की। जिससे सर्वधर्म समभाव की तस्वीर जीवंत हो उठी।
सिख धर्म के संस्थापक व पहले गुरु नानकदेव जी महाराज के प्रकाश पर्व की बुधवार को जिले में धूम रही। गुरुनानकपुरा व लखनऊनाका स्थित पुराना गुरुद्वारे में सुबह कीर्तन दरबार सजा और नानक की पंक्तियां गूंज उठीं। कहीं 'एक ओंकार सतनाम तो कहीं सुनी पुकार दातार प्रभु/गुरुनानक जग माहि पठाया' के बोल गूंजते रहे। डीएम एस.राजलिंगम, एसपी विनय यादव, एडीजे बब्बू सारंग, पूर्व एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह समेत
सभी धर्मो के लोगों ने भजन-कीर्तन में प्रतिभाग किया। महाराजा रणजीत सिंह हाल में गुरु का लंगर छकने को लोगों की कतार लगी रही। जिसमें महेंद्र पाल सिंह, तेजेंदर बग्गा, परमजीत सिंह रिम्पी, लकी आदि ने सक्रिय सहभाग किया। अपराह्न बाद गुरुद्वारे से पंच प्यारों की शोभा यात्रा निकली। सतनाम सिंह सलूजा व इंद्रजीत सिंह अरोड़ा ने पंज प्यारों को तैयार करने में सहयोग किया। नगर कीर्तन में बलबीर सिंह बग्गा व उत्तम प्रीत सिंह ने पालकी व ट्राली की सजावट की। श्रीगुरुग्रंथ साहिब की झांकी देखने को लोग आतुर दिखे। शाहगंज, ठठेरी बाजार, चौक, पुराना गुरुद्वारा लखनऊनाका, सब्जीमंडी, पंजाबी मार्केट, डाकखाना चौराहा होते हुए पुन: यात्रा गुरुनानकपुरा में विसर्जित हो गई।