..ताकि कायम रहे इंसानियत
सुलतानपुर : जिला अस्पताल में भर्ती एक युवक को खून की जरूरत थी। चिकित्सकों ने परिवारीजनों से इंतजाम क
सुलतानपुर : जिला अस्पताल में भर्ती एक युवक को खून की जरूरत थी। चिकित्सकों ने परिवारीजनों से इंतजाम करने के लिए कहा। लेकिन घर-परिवार में कोई रक्तदान करने में सक्षम नहीं था। ऐसे में कई दिन लग गए। कोई नहीं मिला। ..आखिरकार दो युवा आगे आए। उन्होंने स्वयं, बल्कि कई और साथी को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया और अब वो युवक खतरे से बाहर है। शहर से सरायअचल गोलवारा गांव निवासी रविकुमार (21) करीब सप्ताहभर से बुखार से पीड़ित था। पहले गांव में इलाज कराया। जब हालत बिगड़ने लगी तो उसे लेकर परिवारीजन जिला अस्पताल पहुंचे। तब पता चला कि वह डेंगू बुखार से ग्रसित है। प्लेटलेट्स भी निरंतर घटती जा रही थी और मरीज को खून चढ़ाने की जरूरत आन पड़ी। ऐसे में चिकित्सकों ने परिवारीजनों को खून का इंतजाम करने को कहा। परिवार में कोई इस काबिल नहीं था। ऐसे में आगे आए पखरौली गांव निवासी राजबहादुर वर्मा व शंकरपुर निवासी शिक्षक राजेंद्र कुमार। जिन्होंने स्वयं तो रक्तदान किया ही। औरों के लिए भी मिशाल पेश की। तीमारदार जितेंद्र व आलोक भास्कर का कहना है कि समय से प्लेटलेट्स चढ़ जाने की वजह से अब रवि की हालत सुधर रही है।