सड़क पर शव रखकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
सुलतानपुर : सरकारी नलकूप की खामी दुरुस्त करते समय करंट की चपेट में आए युवक की इलाज के दौरान मौत के ब
सुलतानपुर : सरकारी नलकूप की खामी दुरुस्त करते समय करंट की चपेट में आए युवक की इलाज के दौरान मौत के बाद शुक्रवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। सुलतानपुर-कादीपुर मार्ग के दियरा चौराहे पर शव रखकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। यातायात अवरुद्ध हुआ तो पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल आए। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने लोगों को समझाया-बुझाया। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व मृतक के परिवारीजनों को मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया। तब लोगों का गुस्सा शांत हुआ।
मोतिगरपुर थानाक्षेत्र के शाहपुर लपटा गांव निवासी बहादुर (30) पुत्र सीताराम कहार गुरुवार को मोतिगरपुर कस्बे के निकट एक सरकारी नलकूप दुरुस्त कर रहा था। शटडाउन लिए जाने के बावजूद अचानक आपूर्ति शुरू हो जाने से बहादुर करंट की चपेट में आ गया। जिससे युवक गंभीर रूप से झुलसे झुलस गया। उसे आनन-फानन में ग्रामीणों ने जिला अस्पताल भेजवाया। जहां हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था। लखनऊ ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। खबर मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिवारजीनों का रो-रोकर बुराहाल है। शव लेकर परिवारीजन रात में ही घर पहुंचे तो ग्रामीणों में विद्युत विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हो गया। शुक्रवार को पूर्वाह्न ग्यारह बजे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ओपी चौधरी व कांग्रेस नेता अभिषेक ¨सह राणा की अगुवाई में सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए और शव लेकर दियरा चौराहा पहुंच गए। सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। सूचना पर जय¨सहपुर पुलिस क्षेत्राधिकारी मान¨सह गौर व उपजिलाधिकारी शिवबहादुर भारी पुलिस-बल के साथ मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व मृतक के परिवारीजनों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग पर अड़ गए। मौके पर अधिकारियों ने एक लाख का चेक, पंद्रह हजार रुपया नकद दिया और दो बीघा भूमि का पट्टा करने का आश्वासन दिया। तब प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत हुआ। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लगभग चार घंटे बाद यातायात शुरू हो सका। इस दौरान राजमार्ग पर दोनों तरफ सैकड़ों वाहनों की कतार लगी रही। प्रदर्शन में वीर विक्रम बहादुर, प्रवीण कुमार, डॉ.गयाप्रसाद, सुरेश कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।