स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर, परेशान रहे मरीज
सुलतानपुर : जिला अस्पताल से लेकर सीएमओ कार्यालय तक सोमवार को अफरातफरी का माहौल रहा। ड्यूटी से गैरहाज
सुलतानपुर : जिला अस्पताल से लेकर सीएमओ कार्यालय तक सोमवार को अफरातफरी का माहौल रहा। ड्यूटी से गैरहाजिर स्वास्थ्य कर्मियों ने वेतन कटौती से नाराजगी जताई और डीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिला अस्पताल में धरना देकर प्रशासन की तानाशाही का विरोध जताते हुए अनिश्चिकालीन कार्य बहिष्कार शुरू किया। उधर, लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय के समक्ष धरना देकर छह सूत्री मांगों के समर्थन में छह दिवसीय आंदोलन की शुरुआत की। अस्पताल में कर्मचारियों के हड़ताल से व्यवस्था बेपटरी हो गई। इलाज के लिए पहुंचे मरीज दर-दर भटकते रहे। लोगों को न तो दवाएं मिलीं और न ही डॉक्टर को दिखाने के लिए पर्ची।
डीएम अदिति ¨सह ने 24 अप्रैल को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। तब करीब तीन दर्जन कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने सबका एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य कर्मियों ने इसे डीएम की तानाशाही बताया। वेतन कटौती का विरोध किया जा रहा है। सोमवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की राज्यकर्मचारी कल्याण समिति के बैनर तले धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ। अध्यक्ष ओमप्रकाश व वरिष्ठ उपाध्यक्ष केके तिवारी ने कहाकि ड्यूटी पर होने के बावजूद डीएम ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों की वेतन कटौती का आदेश दिया। जिससे स्वास्थ्य कर्मियों में असंतोष है। जब तक वेतन नहीं मिलेगा आंदोलन करते रहेंगे। कोषाध्यक्ष विनोद यादव ने कहाकि इसके लिए वे हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। चुन्नी लाल ने इसे अंग्रेजों की न अपील न दलील वाले फैसले की संज्ञा दी। परवीन अख्तर ने डीएम के आदेश को तुगलकी फरमान बताया। रवींद्र बहादुर ने कहाकि वेतन न मिला तो सड़क पर आंदोलन होगा। इस मौके पर अखिलेश कुमार ¨सह, शिवप्रसाद पांडेय, सुरेश तिवारी, रामरतन, जीपीतिवारी, लक्ष्मण स्वरूप, रघुनाथ, अजय मिश्रा, हृदेश, गंगाराम व इंद्रसेन आदि मौजूद रहे। उधर, शासन द्वारा समस्याओं का निराकरण न किए जाने पर लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारियों ने अमहट स्थित सीएमओ कार्यालय का घेराव किया। सोमवार से शुरू छह दिवसीय कार्यबहिष्कार के जरिए मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन प्रोन्नति तथा समायोजन नीति शीघ्र लागू करने, आशुलिपिक तथा स्टोर कीपर की पृथक वरीष्ठता सूची जारी करने, 581 पदों को संवर्ग में सम्मिलित करने, इसी संवर्ग से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का पद सृजित करने तथा जनप्रतिनिधियों के पैड पर झूठी शिकायतों को आधार बनाकर तत्काल निलंबन व कार्रवाई रोकने की जा रही है। धरने में रतनमाला, रवींद्र नाथ, अशोक कुमार, अरशद, मुनीर अहमद, रामलखन, विजय प्रकाश, रामकृष्ण, महादेव, श्रीराम, दयाशंकर, कमलेश, ओमजी, राकेश प्रजापति, अजीता, अजीत पाल, जितेंद्र कुमार तिवारी व राकेश कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।