गांधी बाबा के सपनों का जिंदा ¨हदुस्तान रहे..
मोतिगरपुर : 'अच्छे दिन का ये मतलब हो, चेहरे पर मुस्कान रहे, मेहनतकश लोगों के घर में गेहूं-शक्कर धान
मोतिगरपुर : 'अच्छे दिन का ये मतलब हो, चेहरे पर मुस्कान रहे, मेहनतकश लोगों के घर में गेहूं-शक्कर धान रहे, गांधी बाबा के सपनों का जिंदा ¨हदुस्तान रहे'।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी की स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में जब वाहिद अली वाहिद ने इस शेर के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की तो लोग वाह- वाह कर उठे।
लोकसभा युवक कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में कवियों व शायरों ने जब अपनी पंक्तियां पढ़ी तो लोग वाह-वाह कर उठे। नीरज पांडेय बरेलवी के संयोजन में आयोजित कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में विकल साकेती ने पढ़ा 'कोई मिल गया है मेरा मेरी कल्पना के पहले, मेरा देवता मगन है मेरी वंदन से पहले' पर लोग वाह-वाह कर उठे। वहीं राजेश राही ने पढ़ा कि 'जवानी में अगर आए तो अच्छी बात है, लेकिन बुढ़ापे के लिए हिचकियां अच्छी नहीं होती, हमारे गांव में अब लोग डाकू से नहीं डरते, मगर साधू नजर आए तो दरवाजा लगा देते हैं', तरन्नुम ने पढ़ा कि 'अपना-अपना फर्ज जो अदा करते रहें, हम दुआ करते रहे और वो बददुआ करते रहे' पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। वहीं जमुना प्रसाद उपाध्याय ने गजल पढ़ी कि 'नमाजी भी नहीं है जो पुजारी भी नहीं है जो, वही मस्जिद और मंदिर के लिए गमगीन रहते हैं, अयोध्या है हमारी और हम सब अयोध्या के, मगर सुर्खी में सिंघल और शहाबुद्दीन रहते हैं' वहीं सुरेश फक्कड़ ने पढ़ा कि 'उनसे दिल का ख्याल कर बैठे, खामख्वां में बवाल कर बैठे', नीलम कश्यप ने पढ़ा कि 'गीत हमारे राजकुंवर हैं, गजले हैं पटरानी, सब उनके दीवाने हैं मैं उनकी दीवानी' ने भी खूब तालियां बटोरी। रीतेश रजवाड़े ने पढ़ा कि 'ओ क्या किसी गरीब के मंजर पर आएंगे, जो हर पल नौ लाख के कपड़े बदलते हैं'। इस मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष विष्णु प्रकाश तिवारी, एमएलसी फजले मसूद, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री प्रमोद सिंह, संदीप तिवारी, शारदा श्रीवास्तव, अजय सिंह, ओपी चौधरी, गौतम वर्मा, जयप्रकाश पाठक, अरविंद पांडेय, माता प्रसाद सिंह, अरविंद सिंह, अशोक वर्मा, संतोष सिंह, चंद्रमणि पांडेय आदि मौजूद रहे।
हुआ सम्मान
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फोटो का फाइल नेम 12 एसएलटी.1 है।
चित्र परिचय : पं.रामनरेश त्रिपाठी सभागार में आयोजित कवि सम्मेलन का उदघाटन करते काशी ¨हदू विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी।
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सुल्तानपुर : स्थानीय रामनरेश त्रिपाठी सभागार में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन शनिवार की रात में किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि काशी ¨हदू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.गिरीश चंद्र त्रिपाठी मौजूद रहे। कुलपति डॉ.त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी संस्कृति, हमारा राष्ट्र, हमारे जीवन मूल्य श्रेष्ठ हैं। विश्व ने इसे स्वीकार किया है। इन्हें कायम रखना हमारा कर्तव्य है। गत दिवस पीसीएस परीक्षा में चयनित शिवानी सिंह को उन्होंने सम्मानित किया। कई मशहूर कवियों कविता पाठ किया। इस मौके पर संजय सिंह सोमवंशी, शिवाकांत मिश्रा, जमुना प्रसाद, डीएम मिश्र, डॉ.राधेश्याम सिंह, विजय सिंह रघुवंशी आदि मौजूद रहे।