भवं भवानी धाम पर देवी के बहुरूपों का होता है दर्शन
सुल्तानपुर : नवरात्र पर्व पर शाहपुर लपटा स्थित भवं भवानी धाम पर श्रद्धालुओं का तांता रहता है। भोर से
सुल्तानपुर : नवरात्र पर्व पर शाहपुर लपटा स्थित भवं भवानी धाम पर श्रद्धालुओं का तांता रहता है। भोर से ही पूजन-अर्चन का सिलसिला जो शुरू होता है वह देर शाम तक जारी रहता है। मां के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन यहां होते हैं। मान्यता है कि मां शेरावली के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इनसेट.क्या है महात्म्य
करीब एक दशक पूर्व इस मंदिर की स्थापना पूर्व मंत्री जयनारायण तिवारी ने की थी। विशालकाय मंदिर में सभी देवी व देवताओं की प्रतिमाएं मौजूद हैं। मां शेरावाली का यह मंदिर अब श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बन चुका है। यूं तो प्रत्येक सोमवार व शुक्रवार को भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है लेकिन नवरात्र में तो प्रतिदिन मेले जैसा माहौल रहता है। भक्त मनोकामना पूरी होने पर कड़ाही भी चढ़ाते हैं।
कैसे पहुंचे मंदिर
सुल्तानपुर-कादीपुर मार्ग पर पचीसवें किलोमीटर पर मां दुर्गा का भव्य मंदिर सड़क किनारे ही स्थित है। मंदिर पहुंचने के लिए रोडवेज बस के अतिरिक्त टेंपो, आटो व निजी बसें भी चलती हैं। सड़क किनारे ही माता जी का भव्य द्वारा बना हुआ है।
फूलों से होता है मां का श्रृंगार
नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना विधि विधान से होती है। मां का विशेष श्रृंगार फूलों से किया जाता है। सुबह-शाम भोग लगता है उसके उपरांत प्रसाद का वितरण किया जाता है।
चार बार होती है आरती
मंदिर के पुजारी विनोद तिवारी ने बताया कि नवरात्र में माता जी की दिन भर में चार बार आरती की जाती है। सुबह पांच बजे से रात साढ़े आठ बजे के बीच माता जी को अलग-अलग वस्त्र धारण कराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सुबह पांच बजे मंगला आरती, सात बजे मां की श्रृंगार आरती, शाम सात बजे संध्या आरती व रात्रि आठ बजे शयन आरती की जाती है।
देवी दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की हुई आराधना
वासंतिक नवरात्र में बुधवार को मां के कात्यायनी स्वरूप की आराधना हुई। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की कतार लग गई। विशेष पूजन-अर्चन के साथ दुर्गा पाठ वाचन करने वालों की भीड़ लगी रही। व्रतधारी श्रद्धालुओं ने दोनों वक्त होने वाली विशेष आरती में प्रतिभाग किया। इस दौरान रुद्रनगर के नैना माता मंदिर, बाटागली की काली माता मंदिर, लम्भुआ के मरी माता धाम, चांदा की जालपा देवी, पलहीपुर लाला का पुरवा में दुर्गादेवी मंदिर, इस्लामगंज की मरी माता मंदिर, कुड़वारनाका व डाकखाना चौराहा, अमहट, गुप्तारगंज, कुड़वार, निरालानगर आदि गायत्री शक्ति पीठ व प्रज्ञा पीठ में दिनभर देवी के पूजन-अर्चन व जागरण का कार्यक्रम चला।