ताकि बनी रहे आदिगंगा की निर्मलता
सुल्तानपुर : आदिगंगा गोमती की निर्मलता अक्षुण्ण रहे, यही सोच शहर के कुछ बुद्धिजीवियों की बनी। पूजन स
सुल्तानपुर : आदिगंगा गोमती की निर्मलता अक्षुण्ण रहे, यही सोच शहर के कुछ बुद्धिजीवियों की बनी। पूजन सामग्री नदी में फेंकी न जाए इसको बचाने के लिए और धर्मभीरुओं की आस्था भी चोटिल न होने पाए इसका जतन किया गया। लोगों को जागरूक भी किया गया। दीवारों पर स्लोगन लिखकर सचेत करने का प्रयास हुआ। गोमती नदी के सीताकुंड घाट पर लोगों के प्रयास का नतीजा यह हुआ कि पालिका ने पूजन सामग्री निस्तारण कुंड बनवा दिया। गोमती नदी में पूजन सामग्री बहुतायत मात्रा में सीधे नहीं फेंकी जाती। उसे लोग सम्मानित तरीके से कुंड में लाकर डाल देते हैं।
गोमती निर्मल रहे, इसका प्रवाह अविरल बना रहे। इसी सोच के साथ ढाई-तीन वर्ष पूर्व शहर के कुड़वारनाका निवासी व्यवसायी रज्जन सेठ, सुंदरलाल टंडन, प्रयागदीन जायसवाल आदि ने मुहिम छेड़ी लोगों को जागरूक करने की। सीताकुंड घाट पर प्राय: हवन एवं पूजन सामग्रियों के अवशिष्ट व घर की पूजित खंडित देव प्रतिमाओं का विसर्जन नदी में लोग न करें। ..इसे लेकर माहौल बनाना शुरू किया इन चंद लोगों ने। शुरू में तो आस्था हावी पड़ी। लोगों ने सुना और टाल दिया। लेकिन धुन के पक्के लोगों की जमात लगी रही अलख जगाने में। आखिरकार मेहनत रंग लाई। जल संरक्षण की इस मुहिम में लोग साथ आने लगे और कारवां बढ़ता गया। नदी के आसपास रहने वाले सीताकुंड वासियों की जमात भी साथ आई। आखिरकार बीते वर्ष पूजन सामग्री निस्तारण कुंड के निर्माण का प्रस्ताव शहरवासियों ने पालिका के समक्ष रखा। पालिकाध्यक्ष प्रवीन अग्रवाल की पहल पर घाट पर कुंड का निर्माण किया गया। अब आस्थावान लोग नदी जल में अवशिष्ट पूजन सामग्रियों एवं खंडित देव प्रतिमाओं का विसर्जन करने के बजाय इसी कुंड का प्रयोग करते हैं।