याद कर लेना कभी हमको भी भूले-भटके..
सुल्तानपुर : 'नौजवानों जो तबीयत में तुम्हारी खटके/ याद कर लेना कभी हमको भी भूले- भटके..' ये पंक्ति
सुल्तानपुर :
'नौजवानों जो तबीयत में तुम्हारी खटके/ याद कर लेना कभी हमको भी भूले- भटके..' ये पंक्तियां अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के एक शेर की, जो आज मौजूं हैं। काकोरी कांड की शुक्रवार को बरसी थी। शहीद अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह व राजेंद्र लाहिड़ी शिद्दत से याद किए गए। शहीद स्मारक सेवा समिति ने प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सालाना जलसा आयोजित कर शहीदों की याद में मेला लगाया। गरीबों, निर्बलों, विकलांगों को सहायता प्रदान की।
पं.रामनरेश त्रिपाठी सभागार में करतार केशव यादव के संयोजन में शहीद स्मारक सेवा समिति का तीसवां वार्षिक समारोह अपराह्न शुरू हुआ। पहले परिसर में स्थित बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण हुआ और फिर पर्यावरणविद्, पशुप्रेमी रायबरेली से आए श्याम साधु, भारत स्वाभिमान न्यास के प्रांतीय कार्यालय प्रभारी ओम सांकृत्यायन, डॉ.राम मनोहर लोहिया संस्थान के न्यूरो फिजीशियन डा.एके सिंह, अरुण सिंह, जिला विकास अधिकारी हरिशंकर सिंह, जिला संख्याधिकारी विनोद सिंह, महेंद्र श्रीवास्तव, डा.सुधाकर सिंह, सुंदरलाल टंडन, माबूद अहमद, प्रदीप त्रिपाठी आदि ने शहीदों के प्रति अकीदत पेश की। समिति ने परंपरा के मुताबिक इस बार भी करीब साढ़े चार सौ निर्बल गरीबों, विकलांग को रजाई-कंबल, रोजगार के लिए रिक्शा, ट्राली, सिलाई मशीनें, वैशाली, ट्राई साइकिल, छात्रों को साइकिलें वितरित की। विधायक अनूप संडा, चिकित्सक डा.पीके पांडेय, डा.राजेंद्र कपूर, रज्जन सिंह, कुलदीप पांडेय, राज खन्ना, पूर्व विधायक अशोक पांडेय आदि ने भी कार्यक्रम सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता अब्दुल करीम ने किया।