जिसे सींचा है लहू से उसे खो नहीं सकती..
सुल्तानपुर : संत तुलसीदास पीजी कॉलेज के संस्थापक रामकिशोर त्रिपाठी की पुण्यतिथि पर बुधवार को कवि सम्
सुल्तानपुर : संत तुलसीदास पीजी कॉलेज के संस्थापक रामकिशोर त्रिपाठी की पुण्यतिथि पर बुधवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें हास्य, व्यंग, श्रृंगार व प्रेम रस की रचनाएं सुनाकर कवियों ने दर्शकों का मनमोह लिया।
महाविद्यालय परिसर में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जीसीआर जायसवाल की मौजूदगी में शुरू हुआ। सम्मेलन में कवियों ने रामकिशोर त्रिपाठी को श्रद्धांजलि दी। देशभक्ति पूर्ण कविता के अतिरिक्त श्रृंगार व प्रेम रस तथा हास्य एवं व्यंग की रचनाएं भी सुनाई गई। कविता तिवारी ने अपनी रचना 'मगर जो देश द्रोही हैं उन्हें पूजा नहीं जाता..', 'जिसे सींचा है लहू से उसे खो नहीं सकती, शहादत से बड़ी कोई इबादत हो नहीं सकता..' सुनाया तो लोगों ने खूब सराहना की। इसके बाद 'सत्यवान को बचाता कौन व कविता न होती तो कविता सुनाता कौन' सुनाकर श्रोताओं का मनमोह लिया। हास्य व्यंग के रचनाकार श्रवण शुक्ला ने 'सत्य का प्रह्लाद हम सबको बीच में आएगा..' सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी। कवियत्री डॉ.कीर्ति काले ने दिल्ली में 'इतवार' को आम व नौकरी पेशा वालों के लिए उत्सव का दिन बताया। काले ने देशभक्ति से ओतप्रोत रचना सुनाते हुए कहाकि 'क्या सिंहों का देश कभी चूहों से हारा है..'। इसके बाद पाकिस्तान व चीन पर तंज कसते हुए कहाकि हम शांति के दूत हैं..पर अबकी युद्ध हुआ तो न फिर ताशकंद दुहराएंगे, अबकी आरपार होगा। डॉ.कुंवर बेचैन, मनवीर मधुर, अरुण जेमिनी, समीर आदि ने अपनी-अपनी रचनाएं सुनाई। सम्मेलन का संचालन डॉ.शिवओम अंबर ने किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ.अरविंद पांडेय, प्रबंधक सौरभ त्रिपाठी, ओमप्रकाश पांडेय, डॉ.अरविंद चतुर्वेदी, डॉ.सुरेंद्र प्रताप तिवारी आदि मौजूद रहे।