जिले के विकास में खर्च होंगे 124.34 करोड़
सुल्तानपुर : मौजूदा वित्तीय वर्ष में जिले के विकास के लिए 124.34 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला योजना की बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के प्रस्तावित कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई।
विकास भवन सभाकक्ष में गुरुवार को प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री विजय बहादुर पाल की अध्यक्षता एवं जिलाधिकारी अदिति सिंह, जिपं अध्यक्ष पृथ्वीपाल यादव के संयोजन में जिला योजना की बैठक के दौरान विभिन्न विकास योजनाओं को अंतिम रूप दिया गया। प्रभारी मंत्री पाल ने बताया कि शिक्षा, सड़क, कृषि, उद्यान, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, दुग्ध, वन आदि से संबंधित प्रस्तावित योजनाओं में शासन द्वारा सत्र 2014-15 में 124.34 करोड़ का परिव्यय निर्धारित किया गया है। लघु एवं सीमांत कृषकों को सिंचाई सुविधा के लिए नि:शुल्क बोरिंग योजना में 150.00 लाख, गहने नलकूप योजना में 382.50 लाख, पशुपालन विभाग के लिए 179.13 लाख, दुग्ध विकास के लिए 280.67 लाख, वन विभाग के लिए 772.3 लाख की योजना प्रस्तावित की गई है। मनरेगा राज्यांश के अंतर्गत 605.35 लाख, इंदिरा आवास के लिए 1039.50 लाख, लोहिया आवास के लिए 962.85 लाख, लोहिया समग्र गांवों में सीसी रोड 590 लाख, पंचायत भवन के लिए 270 लाख की योजना तय की गई है। राजकीय नलकूपों में 154.60 लाख, संपर्क मार्गो में 2383.24, प्राथमिक शिक्षा के लिए 600, माध्यमिक शिक्षा में 393.60 व आइटीआइ के लिए 311.39 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके पूर्व सीडीओ श्रीकांत मिश्र ने प्रभारी मंत्री पाल का स्वागत किया। डीएम सिंह ने सभी के प्रति आभार जताया। विधायकगण अनूप संडा, संतोष पांडेय, अबरार अहमद, रामचंद्र चौधरी, अरुण वर्मा, जगदीशपुर विधायक राधेश्याम, एमएलसी अशोक सिंह आदि मौजूद रहे। बैठक का संचालन जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी डॉ.वीके सिंह ने किया।
इनसेट..: सांसद प्रतिनिधि ने उठाया खाद कालाबाजारी का मुद्दा
सुल्तानपुर : पूर्व विधायक अर्जुन सिंह ने जिला योजना की बैठक में भाजपा महासचिव व स्थानीय सांसद वरुण गांधी का प्रतिनिधित्व किया। सिंह ने उर्वरकों की कालाबाजारी व अनुपलब्धता का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहाकि जिले के सहकारी गोदामों में पुराने रेट की यूरिया को नए रेट में बेचा जा रहा है। जिसमें विभागीय लोग भी संलिप्त हैं। उन्होंने नहरों व माइनरों की खोदाई व साफ-सफाई, सड़कों के उच्चीकरण, नलकूपों की मरम्मत को लेकर भी प्रशासन को आड़े हाथों लिया। अघोषित बिजली कटौती रोके जाने की मांग की।