निकला शबीह ताबूत का जुलूस, मातम व सीनाजनी
सुल्तानपुर : हजरत अली की शहादत पर रविवार को अमहट में शबीह ताबूत का जुलूस रवायती अंदाज में निकला। अकीदतमंदो ने नौहाख्वानी व सीनाजनी करके हजरत अली की कुर्बानी याद की। मजलिस में मौलानाओं ने तकरीर की।
21 वीं रमजान पर हजरत अली का शहादत दिवस रवायती अंदाज में अकीदतमंदों ने मनाया। शहर के अमहट इलाके में प्रतिवर्ष की भांति दोपहर में जामा मस्जिद से शबीह ताबूत का जुलूस निकला। जिसमें शामिल मुकामी व मेहमान अंजुमनों ने मार्मिक नौहे पढ़े, सीनाजनी करते हुए अकीदतमंदों का हुजूम हुसैनिया नौतामीर पहुंचा। जहां पर मजलिस का आयोजन किया गया। हुसैनिया वेलफेयर सोसायटी के सदर हैदर अब्बास खां ने बताया कि मोहम्मद साहब ने अपना उत्तराधिकारी इमाम हजरत अली को बनाया था। हजरत अली के इंसाफपसंद हुकूमत को नापसंद करने वाले अब्दुल रहमान इब्ने ने मस्जिद कूफा इराक में सुबह नमाज पढ़ते वक्त हजरत अली को वार करके जख्मी कर दिया था। गंभीर रूप से जख्मी हजरत अली 21 वीं रमजान को शहीद हो गए थे। तभी से उनकी याद में जुलूस निकालने की परंपरा कायम है।