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रेणुका पुल नहीं बनने से ओबरा डैम को खतरा

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : रेणुकापार के आदिवासी अंचलों को जोड़ने के लिए रेणुक

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Oct 2017 10:11 PM (IST)Updated: Mon, 09 Oct 2017 10:11 PM (IST)
रेणुका पुल नहीं बनने से ओबरा डैम को खतरा
रेणुका पुल नहीं बनने से ओबरा डैम को खतरा

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : रेणुकापार के आदिवासी अंचलों को जोड़ने के लिए रेणुका नदी पर बनाये जाने वाले पुल के निर्माण में हो रही देरी के बीच ओबरा डैम की सुरक्षा पर उठे सवाल से पुल निर्माण की संभावना बन सकती है।

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लखनऊ स्तर पर ओबरा डैम की सुरक्षा को लेकर उठी ¨चता के कारण संभावना है कि पुल निर्माण के लिए ओबरा सी से आ रही बाधा दूर हो सके। संभावना है कि ओबरा सी से जुड़े प्रबंधन स्तर के अधिकारी इस मामले को लेकर जल्द ओबरा आ सकते हैं। उधर रेणुका पुल के लिए आंदोलन की चेतावनी दे चुकी राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस ने ओबरा डैम की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि स्थानीय स्तर पर डैम की सुरक्षा के लिए दीर्घकालीन नजरिया नहीं दिख रहा है।

बताते चलें कि वर्तमान में लाखों आबादी के लिए चार पहिया वाहनों से ओबरा आने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। लम्बी प्रक्रिया के बाद ही ओबरा डैम से चार पहिया वाहनों को आने जाने दिया जाता है। ऐसे में भारी आबादी के लिए वैकल्पिक तौर पर पिछली सरकार द्वारा पुल की घोषणा के बावजूद ओबरा-सी की वजह से आ रही बाधा ने डैम की दीर्घकालीन सुरक्षा को प्रभावित किया है। रविवार को इंटक की बैठक में ग्रामीणों ने पुन: बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

बैठक को संबोधित करते हुए इंटक के जिलाध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी ने कहा कि डैम की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार सहित निगम प्रबंधन को अवगत करा दिया गया है। ओबरा डैम पर ही ओबरा तापीय परियोजना ओर जलविधुत परियोजना निर्भर है साथ ही एक बड़ी आबादी भी डैम पर ही निर्भर है। डैम की सुरक्षा प्रभावित होने का असर पटना तक पडेगा।

ऐसे में सरकार द्वारा तत्काल नये पुल का निर्माण करना चाहिए। बताया कि प्रशासन की सुस्ती की वजह से पुल निर्माण की योजना ठंडे बसते में जा सकती है। जिसका दुष्परिणाम बहुत ही घटक होगा। बैठक का संचालन जिला महासचिव शमीम अख्तर खान ने किया।

26 करोड़ का है पुल

ओबरा के पास चकाड़ी गांव में राखी पुल के पास पुल निर्माण के लिए 10 नवंबर 2016 को 26 करोड़ 23 लाख 67 हजार रुपये शासन द्वारा स्वीकृत किया गया है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में एक करोड़ रुपये अवमुक्त करा दिया गया है। इस पुल का शिलान्यास भी 23 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा हो चुका है। पुल निर्माण के लिए उ.प्र सेतु निगम द्वारा पूरी तैयारी भी कर ली गई थी।

पुल तक संपर्क मार्ग बन रही समस्या

पहले से तय जगह से दूर अब खैरेटिया में रेणुका नदी पर पुल बनाने के आदेश ने कई पेच फंसाया है। पुल के एक ओर जहां भारी आबादी वाला खैरेटिया गांव है, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक प्रदूषण के लिए कुख्यात चकाड़ी गांव है। खैरेटिया के जिस स्थान पर पुल निर्माण का निर्देश दिया है, वहां तक पहुंचना काफी संवेदनशील होगा।


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