पानी हिलोर मारे, गली-सड़क के नजारे
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : स्कूली बच्चे हों या मरीज, शहर की सड़क से अपने गंतव्य तक पैदल जाना हुआ तो उ
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : स्कूली बच्चे हों या मरीज, शहर की सड़क से अपने गंतव्य तक पैदल जाना हुआ तो उन्हें उछल-कूद या यूं कहें कसरत करते हुए ही जाना होगा। इससे उन्हें किसी भी सूरत में कोई बचा नहीं सकता, और अगर कोई बचाने वाला है तो वह समस्या से अनजान नगर पालिका परिषद के अपने कक्षों में बैठा हुआ है। इसके इतर नगर के लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन इस ओर कोई पहल नहीं हो रही है।
नगरवासियों के लिए हुआ कुख्यात
जी हां, नगर की जीवन रेखा समझी जाने वाली सड़क सिविल लाइन नाम से विख्यात है। लेकिन इनदिनों हुई बरसात के बाद तो यह सड़क नगरवासियों के लिए कुख्यात से कम नहीं है। उसमें भी सबसे अधिक उन्हें दिक्कत हो रही है जो सुबह-सुबह नहा-धोकर नया वस्त्र या यूनिफार्म पहनकर अपने कार्यालय व विद्यालय जाते हैं। इनकी समस्याओं के निराकरण के लिए नगरीय व्यवस्था को सु²ढ़ रखने वाला स्थानीय निकाय कुंडी मारकर बैठा हुआ है।
कहां-कहां और क्या हैं समस्याएं
नगर के ब्रह्मनगर, सिविल लाइन, विकास नगर, टैगोर नगर सहित कई मोहल्ले ऐसे हैं जहां पर जलजमाव अपनी भयावह स्थिति में है। कहीं-कहीं पर तो लोगों को रास्ते पर बिछाए ईंट या पत्थर के सहारे पार होना पड़ रहा है। सड़कों की पटरियां कहीं सड़क से ऊपर तो कहीं नीचे हो गई हैं। इससे बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। वहीं नालियों का दूसरा सिरा गायब होने से पानी अपने अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पा रहा है।
पालिका की अपनी हैं कई दिक्कतें
शहर की साफ-सफाई के मामले में नगर पालिका परिषद की अपनी कई समस्याएं हैं। यहां शहर की आबादी के अनुपात में सफाई कर्मियों की भारी किल्लत है। यानि पालिका चाहकर भी शहर को पूर्ण रूप से स्वच्छ नहीं रख सकती। अब समस्या यह है कि बढ़ती आबादी व शहर के क्षेत्रफल में हर साल होने वाली वृद्धि को संतुलित कैसे किया जाएगा। यह बात खुद पालिका के अधिकारी भी स्वीकार कर चुके हैं।
बेहाल है घोरावल व ओबरा में भी
जिला मुख्यालय से इतर ओबरा व घोरावल में भी जल निकासी की विकट समस्या है। ओबरा की नई बस्ती बिल्ली ग्राम पंचायत बसावट में शत-प्रतिशत शहरीनुमा है। लेकिन, जल निकासी की समस्या इस बरसात में साफ झलक गई। साडा की योजनाएं पूरी तरह इस मामले में विफल हो गई है। वहीं घोरावल के वार्ड नंबर सात नालियों व सड़कों की बगैर योजनागत निर्माण के चलते जल निकासी नहीं हो पा रही है। यहां गल्ला मंडी समिति से निजी बस स्टैंड तक स्थिति बदतर हो गई है।