हर्सा के जंगलों में धधकी आग, स्थिति भयावह
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा वन प्रभाग के जंगलों में आग लगने का सलाना सिलसिला तेज हो गया
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा वन प्रभाग के जंगलों में आग लगने का सलाना सिलसिला तेज हो गया है। प्रभाग के जुगैल रेंज में स्थित हर्सा के जंगल में रात में आग लग गयी। तापमान में हुई वृद्धि के साथ ही तेज हवा के कारण कई हेक्टेयर में आग फैलते जा रही है। जिस गति से आग ़फैल रही है उससे संभावना जताई जा रही है की रात भर में यह एक किलोमीटर क्षेत्र में ़फैल जाएगी। आग के कारण कीमती पेड़-पौधों के अलावा छोटे वन्य जीवों के जलने की संभावना है। आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है लेकिन पारम्परिक रूप से महुआ के लिए लगाई गयी आग से ही जंगलों में आग लगना माना जा रहा है।
इन जंगलों में महुआ बहुतायत पाया जाता है। अक्सर आदिवासी मार्च-अप्रैल माह में महुआ के वृक्षों के नीचे गिरी सुखी पत्तियों को जला देते हैं जिससे जब महुआ गिरे तो वह साफ-साफ दिखाई पड़े,बाद में यह आग पूरे जंगल में ़फैल जाती है। वहीं वर्तमान में तापमान 30-37 डिग्री के करीब है, इस तापमान में आमतौर पर जंगलों में आग नहीं लगती है। बुधवार को आग हर्सा की पहाड़ियों से बढ़ते हुए पचपेड़िया की ओर बढ़ रही थी। आग के कारण ग्रामीणों में ¨चता बढ़ने लगी है। वन विभाग की कोई टीम मौके पर नहीं थी। आग की चपेट में सैकड़ों पेड़ जलकर राख हो चुके हैं। अगर आग पर तत्काल काबू नहीं पाया गया तो यह बहुत बड़े क्षेत्र में ़फैल जायेगी।
कीमती वनस्पति व वनजीवों के लिए संकट
हर्सा के जंगलों में लगी आग में सैकड़ों पेड़ सखुआ, तेंदू, सलई, सिद्धा, खिरना, पियार एवं महुआ के पेड़ जलकर खाक हो गये हैं।आग के लगातार फैलने की वजह से दहशत है। आग की वजह से मोर,खरगोश,सांप,स्याही,सूअर,बन्दर,लंगूर एवं मुर्गा सहित कई वन्यजीवों के ़खाक होने की संभावना है।