केंद्र की जीएसटी बिल व्यापारियों के हित में नहीं
सोनभद्र: जिला उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष रतनलाल गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मौजूदा जीए
सोनभद्र: जिला उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष रतनलाल गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मौजूदा जीएसटी बिल का प्रस्तावित प्रारूप व्यापारियों के हित में नहीं है। देश के पांच करोड़ से भी अधिक संख्या में कर देने वाले व्यापारी इस प्रारूप को स्वीकार नहीं कर सकते। इस संबंध में गुरुवार को प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी व्यापारियों ने जिलाधिकारी को सौंपा।
व्यापारियों ने कहा कि प्रस्तावित प्रारूप में तीन तरह की जीएसटी प्रस्तावित है, जो ठीक नहीं है। इसके लागू हो जाने से इंस्पेक्टरराज को बढ़ावा मिलेगा। दस प्रतिशत से अधिक जीएसटी की दर कर चोरी को बढ़ावा देगी और महंगाई बढ़ेगी। जीएसटी में आनलाइन पेमेंट की अनिवार्यता किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं है। इसमें पैन आधारित पंजीयन आनलाइन के साथ मैनुअल का विकल्प होना चाहिए। इसमें आठ रिटर्न प्रस्तावित है। वैट की भांति दो रिर्टन मासिक, त्रैमासिक एक, वार्षिक एक रिर्टन होना चाहिए। कहा गया कि इन्कम टैक्स की भांति रीफंड कर दाताओं के खाते में स्वयं आना चाहिए। इस प्रकार से व्यापार मंडल ने सुझाव भेजे हैं। व्यापार मंडल ने प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री तथा मुख्यमंत्री से मांग किया कि प्रस्तावित प्रारुप लागू करने से पूर्व व्यापार मंडल के साथ बैठक कर उनके सुझावों को शामिल कर एक सरल जीएसटी प्रणाली देश को दें। इस मौके पर सत्यपाल जैन, शिव सांवरिया, चंद्रभान अग्रवाल, नरेंद्र गर्ग आदि लोग मौजूद थे।