वतन पर मिटने वालों पर चढ़े जो वो फूल बन जाऊं ..
दुूद्धी (सोनभद्र): कौमी एकता पखवारा के तहत मंगलवार को स्थानीय तहसील प्रांगण में अखिल भारतीय कवि स
दुूद्धी (सोनभद्र): कौमी एकता पखवारा के तहत मंगलवार को स्थानीय तहसील प्रांगण में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। कौमी एकता समिति दुद्धी के तत्वाधान में आयोजित इस कवि सम्मेलन में देश के कोने-कोने से आए करीब दर्जन भर कवि एवं शायरों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर लोगों को पूरी रात देश भक्ति रस में सरोबोर किए रखा।
हाशिम फिरोजाबादी की देशभक्ति पर आधारित पक्तियां खूब सराही गई। उन्होंने अपनी रचना 'वतन पर मिटने वालों पर चढ़े जो, वो फूल बन जाऊं, दुश्मन के सीने में गड़े जो वो त्रिशुल बन जाऊं तथा ये दौलत भी अजीब शह है हमें मगरूर करती है, किसी के पास तो किसी से दूर करती है, मगर एक मां है जो ऐसे दौलत को नामंजूर करती है। प्रेम रस की सुंदर पंक्ति से कवियत्री सुफलता त्रिपाठी ने प्रिति की रिती को जब जग में ना समझा था कोई, कभी राधा यहां रोई तो कभी मीरा यहां रोई तथा राम का साथ सीता ने दिया बनवान में, द्रौपती दांव पर रख दी गई उपहास में, पति व पुरुष के प्रेम में आज भी दांव पर है नारी कई जैसी सुंदर पंक्तियां सुनाकर लोगों को प्रेम रस का एहसास कराया। हास्य कवि अशोक सुंदरानी ने भ्रष्ट नेताओं पर व्यंग्य का कटाक्ष करते हुए लोगों को लोटपोट कर दिया। कवि भूषण रागी ने जिस परमाणु बम की तुम धौंस दिखाते हो, वह हिंदुस्तान के लिए हुई पुरानी जैसी रचना सुनाकर लोगों में देश भक्ति का जोश भरा। मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी डा. विश्राम ने माली बगिया से निकले, तो निकला बहार व जातिवादी का जो दियना जलईब तो आपस में ना रहेगा प्यार जैसी रचना सुनाकर लोगों की वाहवाही लूटी। हास्य कवि रवि चतुर्वेदी ने हम इतने महान कवि हमें सरकार ने सम्मान न दिया, वर्ना हम भी लौटा जाते जैसी रचना सुनाकर महफिल में ठहाके लगवाए। बाल कवि तराना, यशवंत शुक्ल, पवन बाथम, मनोहर मनोज आदि कवियों ने भी अपनी सुंदर कविता से लोगों चिंतन पर मजबूर कर दिया। संचालन कमलेश राजहंस ने किया। कार्यक्रम में एसडीएम डॉ. विश्राम, सीओ लक्ष्मण राय, तहसीलदार जितेंद्र ¨सह, नायब तहसीलदार पवन ¨सह, समिति के अध्यक्ष रामलोचन तिवारी, सचिव शिवशंकर सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।