बालश्रम उन्मूलन के प्रति किया जागरूक
सोनभद्र: चेतना रथ, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम बुधवार को बालश्रम उन्मूलन जन जागरुकता अभियान चलाया ग
सोनभद्र: चेतना रथ, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम बुधवार को बालश्रम उन्मूलन जन जागरुकता अभियान चलाया गया। बाल मजदूरी छोड़ो, शिक्षा से नाता जोड़ों जैसे संदेशों से सजा चेतना रथ जनसमूह में आकर्षण का केंद्र रहा।
बाल मजदूरी उन्मूलन पर बनी फिल्म व नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया। नाटक में दिखाया गया कि कैसे लोग बच्चों से मजदूरी कराकर उनका शोषण व अत्याचार करते हैं। बचपन से मजदूरी करने वाले बच्चे पूरे जीवन मजदूर व मजबूर बन कर रह जाते हैं। संदेश दिया गया कि बच्चों को शिक्षित बनाएं। उन्हें स्कूल भेजे। बाल मजदूरी न कराएं। इस दौरान डीएलसी राकेश द्विवेदी ने बताया कि भारत में बाल मजदूरी का प्रतिशत 2011 की गणना में 21 लाख है जो अन्य देशों की तुलना में सर्वाधिक है। उसमें भी उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। यूनिसेफ के र¨वद्र ¨सह ने कहा कि बच्चे बचपन में ही श्रम के बोझ तले दब जाए तो उनका विकास रूक जाता है। बच्चों को श्रम से रोकना सभी की जिम्मेदारी है। चेतना रथ की अगुवाई कर रहे मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि बाल श्रम एक सामाजिक बुराई है। इसे समाज के सभी लोगों को आगे आकर मिटाना होगा। सीसी पांडेय ने कहा कि प्रशासन द्वारा छापेमारी कर बालश्रम में जकड़े बालकों को मुक्त कराया जा रहा है। जिले में चेतना रथ के जरिए 60 स्थानों पर बाल श्रम हेतु जागरुकता अभियान चलाया गया। इस मौके पर राघवेंद्र मिश्रा, महेश वर्मा, आशुतोष गुप्ता, नेहा तिवारी, संग्राम ¨सह, ¨पटू आदि उपस्थित थे।