मौसम के बदल रहे मिजाज से फिर बढ़ी धुकधुकी
गोविंदपुर (सोनभद्र) : किसान भले ही अन्नदाता के रूप में सभी का आदर्श होता हो लेकिन अन्नदाता अन्न उपजा
गोविंदपुर (सोनभद्र) : किसान भले ही अन्नदाता के रूप में सभी का आदर्श होता हो लेकिन अन्नदाता अन्न उपजाने से लेकर घर तक अनाज लाने में कितनी कठिनाइयों से गुजरता है, इसका आंकलन हर व्यक्ति नहीं कर सकता। इन दिनों मौसम के बदलते मिजाज ने किसानों की बेचैनी एक बार फिर बढ़ा दी है।
म्योरपुर ब्लाक सिंचाई के मामले में बेहाल है। नदी, नालों, तालाब, बाउली, कूपों के सहारे कृषकों ने गेहूं, जौ, चना, अरहर की खेती कर रखी है। इस वर्ष जाड़े के मौसम में भी कई बार वर्षा होने से फसलें अच्छी थी। किसान अपनी फसल देख भविष्य के ताने-बाने में जुट भी गए थे। बुधवार से अचानक बढ़ी गर्मी तथा बादलों की लुकाछिपी देख किसान बेचैन है। गर्मी के कारण लोग ओलावृष्टि की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। किसान रामदेव, सीताराम, मनोहर, सुदामा, देवरूप, नान्हक, मंगल, रामसेवक का कहना है कि हम किसान की कमाई हर कोई खाने वाला है। बीज बोने से फसलों के घर तक पहुंचने के बीच दीमक, पक्षी, पशु, जंगली जानवर, चूहे सभी हमें क्षति पहुंचाते हैं। इन सब से बचे तब किसान को अनाज मिल पाता है। इन दिनों मौसम ही शत्रु बन बैठा है। ऐसे में हम अपनी फसल कैसे बचा सकते हैं। किसान श्याम चरण ने तो यहां तक कहा कि बच गया तो हमारा, अन्यथा सब ईश्वर का ही है।