आखिर कब पूरा होगा वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग
सोनभद्र : पांच अगस्त, 2015 तक वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग चौड़ीकरण का कार्य पूर्ण कर लेना है। चौड़ीकरण के क
सोनभद्र : पांच अगस्त, 2015 तक वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग चौड़ीकरण का कार्य पूर्ण कर लेना है। चौड़ीकरण के कार्य को तय समय पर कर लेने की बात भी निर्माण कंपनी चेतक कर रही है लेकिन नगर में प्रस्तावित चार किलोमीटर फ्लाई ओवर में अभी तक एक लेन का भी तैयार न होना, सलखन ओवर ब्रिज व अदलहाट में बाइपास निर्माण की सुस्ती दावों पर प्रश्न चिह्न लगा रहे हैं।
एक हजार 211 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग को नारायणपुर से हाथीनाला तक फोरलेन करना है। जो पिछले डेढ़ वर्ष से निर्माणाधिन है, और तय समय में महज नौ माह से दूर।
मार्ग पर वाहनों का बोझ सर्वाधिक : वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर प्रतिदिन करीब तीन से चार हजार छोटे-बड़े दौड़ते वाहनों के कारण इसे प्रदेश के सर्वाधिक व्यस्ततम मार्गों में से एक गिना जाता है। जनपद चार राच्यों को एक साथ जोड़ता भी है इसलिए उक्त मार्ग निर्माण में सुस्ती लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग करीब डेढ़ साल से निर्माणाधीन है। मार्ग की दुर्दशा के कारण यह मार्ग किलर रोड के नाम से कलंकित भी हो चुका है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब सड़क खोदी नहीं गई थी तब यह किलर रोड थी, तो अब-जब यह सड़क हर स्थान पर खोद कर छोड़ दी गई है तो इस पर यात्रा करना कितना मुश्किल हो गया होगा। ऊपर से सड़कों पर दम घोंटने वाले धूल के गुबार। मार्ग पर कसरत-मशक्कत करती जेसीबी तो कहीं पर वर्जिश में मशगूल क्रेन को देखने को जैसे यहां के लोग आदी हो गए हैं। नारायणपुर से हाथीनाला तक बनने वाली सड़क कब पूरी होगी यह सबके लिए एक प्रश्न बन कर रह गया है।
समस्याओं को लेकर बैठकों का दौर जारी
निर्माण कंपनी चेतक के मैनेजर गोकुल चौधरी ने बताया कि सड़क निर्माण का कार्य किसी भी सूरत में तय समय-सीमा पर पूर किया जाएगा। बताया कि अहरौरा घाटी में बन रहा पुल जनवरी तक आमजनता के लिए खोल दिया जाएगा तो वहीं राबर्ट्सगंज नगर में प्रस्तावित फ्लाई ओवर का वन-वे पूरा कर उसे चालू कर दिया जाएगा। श्री चौधरी ने कहा कि रही बात हिंदुआरी व सलखन में रेलवे ओवर ब्रिज कि तो वह भी तय समय में ही पूरा किया जाएगा। बताया कि अदलहाट में प्रस्तावित बाइपास निर्माण को लेकर सोमवार को लखनऊ में बैठक भी हुई है। समस्या निस्तारण का कार्य जल्द ही हो जाएगा।
प्रशासनिक सुस्ती भी बन रहा वजह सोनभद्र : वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग निर्माण में हो रही देरी का एक प्रमुख कारण प्रशासनिक उदासीनता भी है। निर्माण कंपनी को पहले जमीन अधिग्रहण करने के लिए वन विभाग के महीनों चक्कर काटने पड़े, इसके बाद नगरों में सड़क के किनारे अवैध ढंग से जमे लोगों को हटाने के लिए प्रशासनिक इजाजत लेने के लिए मैराथन दौड़ लगानी पड़ी। ताजा मामले को लें तो चोपन में पिछले कई माह से सड़क निर्माण का कार्य रुका हुआ है उसका सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण हटाने में प्रशासनिक उदासीनता है।