हिंदी भारतीय संस्कृति की पहचान
रिहंदनगर (सोनभद्र): हिंदी के विकास की जिम्मेदारी सभी भारतीयों की है। जागरूक नागरिक तथा सरकारी उद्यम के कर्मी होने के नाते हमें हिंदी के विकास के लिए संविधान में निहित नियमों का अनुपालन करना चाहिए।
एनटीपीसी रिहंद में राजभाषा हिंदी पखवारे के शुभारंभ अवसर पर परियोजना के महाप्रबंधक सम्मेलन कक्ष में आयोजित समारोह में समूह महाप्रबंधक पी रमेश ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए हिंदी दिवस संदेश में हिंदी में अधिक से अधिक कार्य करने हेतु सभी कर्मचारियों से अपील की। उन्होंने कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करने तथा नवीन सोच के साथ हिंदी के लिए विभिन्न कार्यक्रमों पर जोर दिया। व्याख्याता के रूप में आए वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर ने हिंदी के स्वरूप एवं प्रगति पर व्याख्यान देते हुए कहा कि हिंदी मात्र एक भाषा ही नहीं बल्कि यह हिंदुस्तानी संस्कृति की पहचान है। परियोजना के महाप्रबंधक ईधन प्रबंधन विनय कुमार ने अपने संबोधन में अहिंदी प्रांतों में बढ़ रहे हिंदी के प्रयोग को देश की एकता के लिए शुभ संकेत बताया तथा रिहंद में राजभाषा विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की।
महाप्रबंधक परियोजना पी के चक्रवर्ती ने भी राजभाषा के संवैधानिक प्रावधानों पर अपने विचार व्यक्त किए। अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन रजनीश रस्तोगी ने अधिकारियों का स्वागत किया। श्री रस्तोगी ने विश्वास दिलाया कि एनटीपीसी रिहंद में गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुपालन में लक्ष्य से अधिक कार्य हिंदी में किया जाएगा। अधिकारी मानव संसाधन एवं राजभाषा प्रभारी मिथिलेश श्रीवास्तव ने अप्रैल 2014 से अब तक हिंदी विकास के लिए किए गए कार्यो की राजभाषा प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन अधिकारी मानव संसाधन एवं राजभाषा प्रभारी एम के श्रीवास्तव ने किया।