चार दिनों बाद अचानक आई बिजली
खलियारी (सोनभद्र) : नक्सल क्षेत्र नगवां व चतरा ब्लॉक के 92 गांवों में 96 घंटे बाद बुधवार की शाम पांच बजे जब बिजली रानी के अचानक दर्शन हुए तो लोग चकित रह गए। बाद में पता चला कि नगवां ब्लाक में 31 जुलाई को जिलाधिकारी का कार्यक्रम है। बिजली संकट से त्रस्त इस इलाके में ग्रामीणों को लंबे समय से ढिबरी का सहारा लेना पड़ रहा जबकि किसानों की खेती-बारी का काम भी प्रभावित हो रहा है।
नगवां ब्लाक के ज्यादातर गांव बिहार राज्य की सीमा से लगे हैं। दुरुह क्षेत्रों में शामिल इन गांवों में विद्युत व्यवस्था एकदम बेपटरी है। नगवां व चतरा ब्लाक के कुल 92 गांवों में खराबी के चलते 26 जुलाई को विद्युत आपूर्ति एकदम ठप हो गई। 26 से 28 जुलाई तक इन गांवों में बिजली रानी के दर्शन ही नहीं हुए। 29 जुलाई की रात एक बजे बिजली आई लेकिन एक ही घंटे में चली गई। 30 जुलाई यानि बुधवार को बिजली रानी के दर्शन शाम पांच बजे हुए। बिजली के आने पर ग्रामीण आश्चर्य चकित रह गए। दरअसल कभी भी ऐसा नहीं हुआ था कि गायब होने के बाद बिजली शाम में आ गई हो। कुछ ही देर बाद ग्रामीणों को माजरा तब समझ में आया जब पता चला कि जिलाधिकारी डीके सिंह को 31 जुलाई को खलियारी स्थित प्राथमिक विद्यालय में पीसीएल के शिविर में जो शामिल होना है।
ग्रामीणों का कहना है कि डीएम के कार्यक्रम के चलते ही पीसीएल मेहरबान हुआ है। लोगों को अभी से यह आशंका भी है कि कार्यक्रम खत्म होते ही कहीं फिर बिजली गुल न हो जाए।
क्या है कारण
जर्जर तार, लटके व झुके बिजली के खंभे व कटियामारी आदि इस क्षेत्र की आम समस्या है। इससे विद्युत व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। कर्मियों की कमी भी बेहतर विद्युत आपूर्ति में बाधक बन रही है। इसकी वजह से ब्रेकडाउन होने पर समय से उसे दुरुस्त नहीं किया जा रहा और इन क्षेत्रों के गांवों में लगातार कई-कई दिनों तक विद्युत आपूर्ति ठप रह रही है।
देर से पता चली खराबी
अधीशासी अभियंता हरिशंकर के मुताबिक छपका ट्रांसमिशन उपकेंद्र से नगवां व चतरा को गई लाइन में खराबी के चलते विद्युत आपूर्ति ठप थी। खराबी होने के बाद पेट्रोलिंग जारी रही। खराबी का ही दो दिनों में पता चला। जैसे ही खराबी दूर हुई आपूर्ति बहाल कर दी गई।