कानूनगो व लेखपाल समेत चार पर एफआइआर का आदेश
सोनभद्र : परिवार रजिस्टर में गलत सूचना दर्ज कर बनाए गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन हड़पने के लिए तैयार किए गए फर्जी वसीयतनामा का मामला गरमा गया है। करमा थाना क्षेत्र के सिरसिया ठकुराई गांव की कमलावती के दाखिल वाद के आधार पर सीजेएम ने कानूनगो, लेखपाल, सेक्रेटरी समेत चार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश करमा थानाध्यक्ष को दिया है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो सिरसिया ठकुराई की कमलावती ने धारा 156(3) के तहत एक वाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल की। उसका कहना था कि सिरसिया ठकुराई गांव निवासी विश्वनाथ ने मरने से पहले 14 फरवरी 2006 को उसके हक में रजिस्टर्ड वसीयत नामा कर दिया और 24 सितंबर 2011 को उसका नाम बतौर वारिस दस्तावेजों में दर्ज हो गया। विश्वनाथ ने कोई शादी नहीं की थी और न ही कोई संतान थी। वह सेवा करती थी जिससे खुश होकर विश्वनाथ ने उसे वसीयत कर दिया लेकिन विश्वनाथ की मौत के बाद उसी गांव का राम आसरे साजिश करने लगा। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी कन्हैया लाल को साजिश में लेकर राम आसरे परिवार रजिस्टर में गलत सूचना दर्ज कराने में कामयाब हो गया। इसके बाद उसने कानूनगो हीरालाल शास्त्री व लेखपाल राजकुमार मिश्र को साजिश में लेकर विश्वनाथ का वारिस बन वसीयत के आधार पर भू अभिलेखों में नाम दर्ज कराने का प्रयास करने लगा। वह 27 फरवरी 2012 को नाम दर्ज कराने में कामयाब भी हो गया। कमलावती का कहना है कि इस बात की जानकारी जब उसे हुई तो वह साक्ष्य के साथ करमा थाने पहुंची लेकिन उसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। शिकायत की प्रति पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। सीजेएम ने पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, कानूनगो, लेखपाल व रामआसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश करमा पुलिस को दिए हैं।