1500 किसानों का 13 करोड़ बकाया
'एक दो नहीं बल्कि पूरे 12 साल गुजर गये, इस दौरान कई चुनाव और बदलाव भी हुए, लेकिन कमलापुर क्षेत्
'एक दो नहीं बल्कि पूरे 12 साल गुजर गये, इस दौरान कई चुनाव और बदलाव भी हुए, लेकिन कमलापुर क्षेत्र के करीब 1500 गन्ना किसानों को उनकी उपज का मूल्य नहीं मिल सका है।'
जागरण संवाददाता, सीतापुर :गन्ना का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान पाने के लिए यह किसान दर-दर भटक रहे हैं। कमलापुर चीनी मिल पर इन गन्ना किसानों का 13 करोड़ 95 लाख 92 हजार रुपया एवं करीब दो सौ कर्मचारियों के वेतन आदि का एक करोड़ रुपया से अधिक का बकाया है। तीन पेराई सत्रों की इस धनराशि के भुगतान का मुद्दा चुनावों में उछलता जरूर रहा लेकिन इस बाबत चुनाव जीतने के बाद किसी भी जन प्रतिनिधि ने कोई ठोस पहल नहीं की। अपने बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान पाने के लिए यह किसान विभागीय उच्चाधिकारियों समेत प्रशासनिक अफसरों और जन प्रतिनिधियों के चक्कर काट रहें हैं। लेकिन उन्हें उनके बकाया का भुगतान नहीं हो सका है। यह भुगतान पाने को यह किसान दर-दर भटक रहे हैं। ऐसे में इन किसानों के चेहरों पर न तो उमंग है और न ही उत्साह है।
यह है बकाया -
इस चीनी मिल पर कमलापुर और आस-पास के गांवों के गन्ना किसानों का पेराई सत्र 2006-07 का एक करोड़ 69 लाख 57 हजार रुपयाख् पेराई सत्र 2007-08 का 11 करोड़ 44 लाख 89 हजार रुपया और पेराई सत्र 2008-09 का 81 लाख 46 हजार रुपया बकाया है।
क्या कहते हैं किसान -
गन्ना किसान श्याम प्रकाश का कहना है कि दस सालों बाद भी हमको हमारा ही पैसा नहीं मिला है, ऐसे में दो वक्त की रोटी का जुगाड़ और परिवार का भरण पोषण मुश्किल से हो रहा है। राजेश ¨सह का कहना है कि खेती अब घाटे का सौदा हो गया है। एक तो बकाया पैसा नहीं मिल रहा, दूजे बीते वर्षों में खाद, बीज और पानी की समस्या ने हम सबकी कमर तोड़ दी है। कृष्ण पाल ¨सह हमारे बकाया के भुगतान को लेकर कोई भी नेता प्रयास नहीं कर रहा है। हर बार चुनाव में कहते हैं कि पैसा दिलाया जाएगा, लेकिन मिला आज तक नहीं। रामचंद्र ¨सह हम किसानों के साथ ही इस मिल पर दौ सौ कर्मचारियों का चार माह का वेतन, ओवर टाइम और बोनस का भी कई करोड़ रुपया बकाया है।