आखिर कहां खर्च हुए 48 लाख
सीतापुर : बेसिक शिक्षा विभाग में पानी की तरह लाखों की रकम बहा दी गई। यह पैसा कहां और कैसे खर्च किया
सीतापुर : बेसिक शिक्षा विभाग में पानी की तरह लाखों की रकम बहा दी गई। यह पैसा कहां और कैसे खर्च किया गया, इसकी जानकारी महकमे के पास नहीं है। 48 लाख रुपये से अधिक की धनराशि बीते साल दिसंबर माह में संकुल प्रभारियों को आवंटित की गई थी। इस रकम से संकुल भवन के रखरखाव समेत अन्य मदों में खर्च किया जाना था। प्रभारियों ने किस मद में कितने पैसे खर्च किए इसका बिल व बाउचर विभाग को मुहैया कराना था, मगर हुआ ठीक इसके प्रतिकूल। यह हालात तब हैं जब जिले के 220 संकुल भवन में से 40 फीसद से अधिक तबाह हो चुके हैं।
बीआरसी व विद्यालय के बीच की कड़ी न्याय पंचायत संसाधन केंद्र गड़बड़ियों की पोटली साबित हो रहे हैं। प्रत्येक साल प्रत्येक एनपीआरसी को 22 हजार रुपये भवन के रखरखाव, पेट्रोल व मोबाइल फोन खर्च तथा स्टेशनरी के लिए विभाग देता है। 28 दिसंबर 2015 को जिले के 220 संकुल प्रभारियों को 22 हजार रुपये के हिसाब से 48 लाख 40 हजार रुपये आवंटित किए थे। इन पैसों को कहां और किस मद में खर्च किया गया। संकुल प्रभारी को इसका बिल बाउचर समेत ब्योरा विभाग को देना होता है। हैरानी की बात तो यह है कि चंद संकुल प्रभारियों ने 22 हजार रुपये प्राप्त करना व खर्च करना लिखकर विभाग को भेज दिया। यह स्थिति तब है जब 40 फीसद से अधिक संकुल जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। खिड़की व दरवाजे गायब हो चुके हैं। छत दरक उनकी बीम फर्श पर आ चुकी हैं। झाड़ियों से घिर चुके संकुल भवन में जहरीले कीड़े-मकोड़े टहलते हैं, तो प¨रदों ने अपने घोंसले बना लिए हैं। ऐसे रखरखाव की रकम कहां गई इसकी जानकारी विभाग के पास भी नहीं है। यह स्थिति तब है जब महकमा मौजूदा शिक्षण सत्र में संकुल की धनराशि आवंटित करने जा रहा है।
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'यह बेहद गंभीर मामला है, धनराशि कहां और किस मद में खर्च की गई है। इसका ब्योरा अगर नहीं मिला है तो संकुल प्रभारियों से लिया जाएगा। संकुल भवन जर्जर मिलने तथा ब्योरा न देने वाले प्रभारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।'
-राजेंद्र ¨सह, बीएसए