अष्टकोणीय आरती में दिखेगा आस्था का अद्भुत संगम
सीतापुर : बनारस में गंगा मईया के तटों पर होने वाली महाआरती का अद्भुत नजारा अब तीर्थस्थली नैमिषारण्य
सीतापुर : बनारस में गंगा मईया के तटों पर होने वाली महाआरती का अद्भुत नजारा अब तीर्थस्थली नैमिषारण्य में भी देखने को मिलेगा। डीएम की पहल पर नैमिषारण्य के चक्रतीर्थ पर आगामी 21 मई से हर रोज सुबह और शाम अष्टकोणीय महाआरती होगी। महाआरती करने वाले पुरोहित विशेष पोशाक धारण करेंगे और आरती के लिए विशेष पात्रों की व्यवस्था की जाएगी। अष्टकोणीय आरती को सफल बनाने के लिए अधिकारियों और पुरोहितों की एक टीम बनारस भेजी जाएगी, जो आवश्यक वस्तुओं का प्रबंध करेगी।
डीएम अमृत त्रिपाठी की पहल पर नैमिषारण्य के चक्रतीर्थ पर 21 मई से अष्टकोणीय महाआरती का आयोजन किया जाएगा। चक्रतीर्थ के सभी कोनों पर पुरोहित विशेष आरती पात्र और पोशाक में हर रोज सुबह और शाम को भव्य आरती करेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने का जिम्मा स्वयं जिलाधिकारी ने उठा रखा है। डीएम के निर्देशन में एसडीएम मिश्रिख की अगुआई में चक्रतीर्थ पुजारी राजनारायण पांडेय अधिकारियों के साथ वाराणसी जाएंगे और वहां से विशिष्ट रूप से निर्मित कराए गए आरती पात्रों और आचार्यों की पोशाक लाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं चक्रतीर्थ पुजारी बनारस में गंगा घाट पर होने वाली आरती की तमाम बारीकियां जानेंगे और उसके बाद यहां आकर आचार्यों को एक सप्ताह का प्रशिक्षण देंगे, ताकि आरती संपन्न कराने में किसी प्रकार का व्यवधान न आए। प्रशासन द्वारा इसके लिए विशेष बजट का प्रावधान भी किया गया है।
महाआरती के लिए जोड़े जाएंगे 52 सदस्य : महाआरती अनवरत जारी रखने के लिए नैमिष फाउंडेशन में 52 नए सदस्य जोड़े जाएंगे। सदस्यता पाने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को कम से कम 11 हजार रुपये जमा करने होंगे और सात दिनों तक अष्टकोणीय महाआरती में आने वाले खर्च को जमा करना होगा। सदस्यों द्वारा महाआरती के लिए एक बार खर्च जमा करने के बाद उन्हें पुन: एक वर्ष बाद ही शुल्क जमा करना होगा। डीएम ने बताया कि सदस्यों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए साल के 52 हफ्तों के सापेक्ष 52 सदस्य जोड़े जाएंगे।
नैमिष धाम में गूंजेंगे आरती के स्वर : प्रतिदिन होने वाली महाआरती के स्वर चक्रतीर्थ के अलावा समूचे नैमिष धाम में मौजूद श्रद्धालुओं को सुनाई देंगे। इसके लिए पूरे नैमिषारण्य में अलग-अलग स्थानों पर लाउड स्पीकर स्थापित किए जाएंगे, जिनका संचालन चक्रतीर्थ से ही किया जाएगा। इनकी देखरेख के लिए प्राइवेट कर्मी भी नियुक्त किया जाएगा। आरती के बाद लाउडस्पीकर पर भक्ति धुन सुनाई जाएगी।