योजनाओं में पिछड़ने पर 14 अफसरों से जवाब-तलब
सीतापुर : विभिन्न योजनाओं के तहत मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले ¨बदुओं से संबंधित विकास कार्यों की
सीतापुर : विभिन्न योजनाओं के तहत मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले ¨बदुओं से संबंधित विकास कार्यों की समीक्षा में जनपद के पिछड़ने से जिला प्रशासन विभागीय अधिकारियों की ढुलमुल कार्यशैली से खासा नाराज है। इसी क्रम में सीडीओ ने रविवार को कड़ा रुख अख्तियार कर 14 अधिकारियों से जवाब-तलब कर लिया है। साथ ही कड़ी हिदायत देते हुए आगाह किया है कि अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं और मार्च माह में शत-प्रतिशत प्रगति हासिल करें, अन्यथा विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा हाल ही में बीते फरवरी माह तक के विकास कार्यों की समीक्षा में सीतापुर को सूबे के अन्य जनपदों की तुलना में 10वां स्थान प्राप्त हुआ। जबकि जनवरी में जनपद राज्य में चौथे स्थान पर था। फरवरी माह में किन विभागों ने योजनाओं में प्रगति हासिल करने में लापरवाही बरती, इसकी जांच-पड़ताल के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर सीडीओ रामयज्ञ मिश्र ने रविवार को 14 विभागों के आला अधिकारियों को नोटिस जारी कर दी है। चूंकि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की समीक्षा में जनपद के वाणिज्य कर विभाग की वसूली का 72.34 प्रतिशत पाया गया। इसी तरह आबकारी विभाग का 92.19 प्रतिशत, मनोरंजन विभाग का 81.19 प्रतिशत और परिवहन विभाग में बकाया राशि की वूसली का 80.15 प्रतिशत रहा है। वहीं जनपद में मनरेगा, इंदिरा आवास व अन्य योजनाओं का संचालन बेहतर नहीं होने पुष्टि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग ने अपनी समीक्षा में की है। जिस पर सीडीओ ने वाणिज्य कर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर (एसआइबी) रामकुबेर, आबकारी अधिकारी राजीव सिन्हा, मनोरंजन कर अधिकारी किशोर चंद्र चतुर्वेदी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज ¨सह, उपायुक्त मनरेगा कुमुदेंद्र कलाकर ¨सह, पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड-2 के अधिशाषी अभियंता अर¨वद कुमार, डीआरडीए के पीडी केके ¨सह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके श्रीवास्तव और डीपीआरओ रवींद्र राय से जवाब-तलब किया है। इसी तरह जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी एमपी गोयल, समाज कल्याण निर्माण निगम के अधिशाषी अभियंता राजीव सिन्हा, अधिशाषी अभियंता प्रांतीय खंड पीडब्ल्यूडी अजय शंकर सिहं, डीपीओ अखिलेंद्र दुबे, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिल्पी ¨सह से भी सीडीओ ने स्पष्टीकरण मांगा है।