कन्याओं को भोज करा देवी भक्तों ने किया व्रत का पारण
सीतापुर : नवरात्र के नवें दिन शनिवार को श्रद्धालुओं ने सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली मां सिद्धिद
सीतापुर : नवरात्र के नवें दिन शनिवार को श्रद्धालुओं ने सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री की आराधना की। इस मौके पर घरों में कन्या भोज एवं मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर भंडारों का आयोजन किया गया। नैमिषारण्य में आदि शक्ति मां ललिता देवी मंदिर पर नवरात्र के समापन पर डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस मौके पर कई जगहों पर देवी जागरण आयोजित किए गए।
जय-जय अंबे, जय जगदंबे के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने मां की विधि-विधान से पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर में किए जा रहे हवन में लोगों ने आहूतियां दीं और मंदिर की परिक्रमा की। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में ही कन्याओं को भोजन कराकर पुण्य की कामना की। शहर के नव दुर्गा मंदिर, संतोषी माता मंदिर, दुर्गा मंदिर, रामलीला मैदान, दुर्गा मंदिर पंजाबी धर्मशाला, ताड़कनाथ मंदिर तरीनपुर में दुर्गा नवमी के मौके पर विधिवत पूजा अर्चना की गई। इन मंदिरों पर कन्याभोज का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन कराकर दक्षिणा दी। इसके बाद श्रद्धालुओं ने अपने व्रत का पारण किया।
खोजी जाती रहीं कन्याएं
दुर्गा नवमी के मौके पर घर-घर कन्या भोज के आयोजन के चलते लोग कन्याओं की तलाश में इधर-उधर भटकते देखे गए। कन्याओं के दल एक घर से निकलकर दूसरे और दूसरे घर से निकलकर तीसरे घर में प्रवेश करते रहे। कई श्रद्धालुओं को देर तक कन्याओं का इंतजार करना पड़ा।
मां धूमावती से मांगी सुख, समृद्धि
सीतापुर : नवरात्रि महापर्व पर पड़ने वाले शनिवार के मौके पर नैमिषारण्य स्थित कालीपीठ पर मन वांछित फल देने वाली मां धूमावती के दर्शन करने के लिए पूरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। कालीपीठ के संस्थापक जगदंबा प्रसाद द्वारा माता धूमावती पर पड़े पर्दे को हटाकर माता मां का अभिषेक कर उनकी आरती की गई। इसके बाद दर्शनार्थियों को लिए माता का दरबार लगा दिया गया। ज्ञातव्य हो कि नवरात्र के शनिवार को ही माता धूमावती के पट खोले जाते हैं और तभी उनके दर्शन संभव हैं। नैमिषारण्य काली पीठ में स्थित एक मात्र माता धूमावती का मंदिर है। मान्यता के अनुरूप काले तिल की पोटली व नारियल का गोला अर्पित किया और मनौती मांगी।