दीपों ने किया अमावस का श्रृंगार
सीतापुर : पटाखों की सतरंगी रोशनी की छटा और दीपों की बिखरी रोशनी बिखरते ही कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष
सीतापुर : पटाखों की सतरंगी रोशनी की छटा और दीपों की बिखरी रोशनी बिखरते ही कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस की अंधेरी रात जगमग हो उठी। गुरुवार को दीपावली पर्व पर गणेश-लक्ष्मी के पूजन के बाद पटाखे छुड़ाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह देर रात तक जारी रहा।
लोगों ने शुभ मुहूर्त में श्रीगणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को पवित्र आसन पर प्रतिष्ठित कर श्रद्धा पूर्वक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। पूजन में पारंपरिक मिट्टी के दीपों को भी प्रज्ज्वलित किया गया। पूजन के बाद लोगों ने मंगल कामना की कि मां लक्ष्मी उनके भंडार अन्न व धन से भर दें, भगवान कुबेर उन्हे एश्वर्य प्रदान करे। इस मौके पर बंगाली परिवारों ने अपने घरों में मां महाकाली की विशेष आराधना की।
इस सब के बाद लोगों ने अपने बड़े-बुजुर्गो के चरण छू कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर लोगों ने शगुन के रूप में जुआ भी खेला। इसमें कुछ की किस्मत ने साथ दिया तो कुछ की की जेबें खाली भी हुई।
मां काली की हुई विशेष आराधना
सिंह लग्न में मध्य रात्रि के बाद शहर के गोपाल दास घाट के मां काली के मंदिर में इस मौके पर विशेष पूजा की गई। तंत्र साधना करने वालों ने मां काली का पारंपरिक गहनों व वस्त्रों से श्रृंगार कराकर उन्हे अस्त्र-शस्त्र धारण कराए गए। श्रद्धालुओं ने गुड़हल के फूल और बेलपत्रों से मां काली की पूजा की।