धनतेरस आज सज गई बाजार
सीतापुर : कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाए जाने वाले धनतेरस के पर्व को लेकर बाजार पूरी तरह से तैयार ह
सीतापुर : कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाए जाने वाले धनतेरस के पर्व को लेकर बाजार पूरी तरह से तैयार है। वैभव प्रदान करने वाले इस पर्व पर लोग स्वर्णाभूषण, चादी के सिक्के व गणेश-लक्ष्मी तथा विभिन्न धातुओं के बर्तन खरीदते है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस को सोना, चादी या फिर कोई दूसरी मंहगी धातु खरीदने से वैभव और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। जिसके चलते लोग इस मौके पर कुछ न कुछ जरूर खरीदते है। सर्राफा बाजार की गलियों में रग बिरगी झालरों का उजाला फैला है, तो दुकान के अंदर सोने और चादी ने अपनी चमक बिखेर रखी है। धनतेरस को लेकर बर्तन बाजार भी जगमगाते बर्तनों से सज गई है। बर्तन विक्रेता अचल गुप्ता कहते हैं कि धनतेरस के मौके पर स्टील के बर्तनों की अपेक्षा फूल और पीतल के बर्तनों की काफी माग रहती है। इसके अलावा लोग पूजन के लिए ताबे के बर्तनों की भी खरीददारी करते है। कारोबारियों की मानें तो खास तबके के लोगों में फूल के बर्तनों की माग बढ़ी है। उनका कहना है कि करीब दो दशक पहले इनकी माग एकाएक घट गयी थी। बीते चार वर्षो में इसकी माग में पचास फीसदी का इजाफा हुआ है। एक बर्तन व्यवसायी अमित का कहना है कि इस बार बाजार में मैट फिनिश स्टील के बर्तनों की माग भी बढ़ी है। क्राकरी में बोन चाइना के टी सेट, काफी सेट और जूस सेट की डिमाड ज्यादा है।
क्या है धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं को अमृत बाटा था। इसलिए धनतेरस को सुख, समृद्धि और वैभव प्रदान करने वाला पर्व विशेष माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पीसी मिश्रा ने बताया कि धनतेरस पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी होती है। इस दिन धातु खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।
धनतेरस देगी कर्ज से मुक्ति
ज्योतिषाचार्य पीसी मिश्रा के अनुसार इस बार धनतेरस के दिन भौम प्रदोष भी है, जोकि ऋण विमोचन (कर्ज मुक्ति) के लिए श्रेष्ठ है। ऐसे में किसी ताम्र पात्र (ताबे का बर्तन) में अनार की लकड़ी को लाल कपड़े में बाध कर रखें एवं धनतेरस से लेकर दीपावली तक नियमित रूप से इस बर्तन के पास ही या बर्तन में दीपक जलाएं, दीपावली के बाद लकड़ी को कपड़े सहित तिजोरी में रखने से कर्ज से मुक्ति मिलेगी एवं धन-धान्य की प्राप्ति होगी।