हत्या के मामले में छह अभियुक्तों को आजीवन कारावास
सीतापुर : मुकदमे की पेशी पर आए इरफान मिर्जा सीजेएम न्यायालय के उत्तरी गेट पर पहुंचे ही थे, तभी हत्याभियुक्तों ने भरी कचेहरी में उसकी गला रेत कर हत्या कर दी थी। उक्त मामले में अपर जिला जज सप्तम ने बुधवार को छह अभियुक्तों को दोष सिद्ध करते हुए आजीवन कारावास व प्रत्येक हत्या अभियुक्तों को 11-11हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना मिश्रिख के आंट निवासी निशांत मिर्जा ने 23 मई 2000 को शहर कोतवाली में रिपोर्ट लिखायी थी, कि दोपहर 1:15 बजे दीवानी न्यायालय परिसर में एक मुकदमें के सिलसिले में न्यायालय आया था। सीजेएम कोर्ट के सामने सड़क पर पहुंचे ही थे, तभी पुरानी रंजिश के कारण मुनुवा, सत्य प्रकाश, मुन्ने पुत्रगण लल्लूराम, नन्हें पुत्र शिवभगवान निवासी ग्राम पंतौजा व अतीक, नसीम, मुजीब पुत्रगण सकीउद्दीन निवासी आंट थाना कोतवाली मिश्रिख ने मेरे भाई इरफान मिर्जा को पकड़ लिया और डंडों से हमला कर दिया। मुनुवा ने उनकी बांके से गला रेतकर हत्या कर दी। भरी कचेहरी में अफरा-तफरी मच गई, जिसके चलते मुझे भी चोट आई। घटना स्थल पर महिला आरक्षी ने मुनुवा को मय आला कत्ल के भागते हुए पकड़ लिया। पुलिस ने विवेचना करते हुए चार हत्या अभियुक्तों के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया। न्यायालय के द्वारा मुनुवा को किशोर अपराधी घोषित करते हुए उसका मुकदमा किशोर न्यायालय स्थानांतरित कर दिया। साक्ष्य के दौरान पुलिस द्वारा निकाले गए तीन हत्या अभियुक्तों अतीक, नसीम, मुजीब के शासकीय अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र पर तलब किया गया। न्यायाधीश सैय्यद माउज बिन आसिम ने उभय पक्ष की बहस व दलीलों को सुनने के उपरांत सभी हत्या अभियुक्त सत्यप्रकाश, नन्हे, मुन्ने, अतीक, नसीम, मुजीब को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व प्रत्येक को 11-11 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रघुवीर सिंह यादव ने की।